सोल । दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन ने देश में कुत्ते के मांस खाने पर बैन लगाने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि आदत को खत्म करने का समय आ गया है, क्योंकि
ये अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का कारण बन रही है। मांस दक्षिण कोरिया के भोजन का लंबे समय से हिस्सा रहा है। माना जाता है कि सालाना करीब 10 लाख कुत्ते खा लिए जाते हैं, लेकिन हाल
के दिनों में ज्यादातर लोग पशुओं को साथी के रूप में महत्व देना शुरु कर दिया है। मून ने प्रधानमंत्री किम बू क्यूम को साप्ताहिक बैठक के दौरान कहा,क्या विवेकपूर्ण ढंग से कुत्ते के मांस सेवन को प्रतिबंधित करने पर विचार करने का समय नहीं आ गया है। अब इस मेन्यू से हटाना चाहिए, हालांकि,
बयान का पूरा विवरण मीडिया को उपलब्ध नहीं कराया गया।
मून को कुत्ता प्रेमी जाना जाता है, उनके पास
राष्ट्रपति भवन में कई छोटे जानवर हैं,जिसमें टॉरी नाम का रेस्क्यू किया हुआ शामिल है।
घरों में कुत्तों को रखनेवालों की तादाद बढ़ने से पालतू पशुओं का उद्योग फल फूल रहा है।टॉरी को अपनाना मून के चुनावी अभियान का एक वादा था। ब्लू हाउस में जगह बनानेवाला पहला कुत्ता बन गया। दक्षिण कोरिया में कुत्ते और बिल्लियों को मारे जाने से रोकने के लिए पशु सुरक्षा कानून है।हालांकि, ये कानून रेस्टोरेंट और संस्थानों में सेवन को बैन नहीं करता है।कोरिया की संस्कृति की मान्यता है कि कुत्ते के मांस में पौराणिक गुण होते हैं जो शक्ति और मर्दानगी बढ़ाता है।परंपरावादियों की प्रतिक्रिया के डर से कोरिया की सरकार ने कानून में संशोधन नहीं किया है.आलोचकों का इस बात पर जोर है कि बैन से ही समस्या का हल होगा। द.कोरिया के बहुत सारे लोग विशेषकर बुजुर्ग कुत्ते के मांस का सूप इस्तेमाल करते हैं।उनका मानना है कि ये गर्मी के मौसम में ब्लड को ठंडा रखता है।