दुर्ग। रानी तराई थाने में तैनात आरक्षक को पुलिस अधीक्षक द्वारा निलंबित कर दिया है। आरक्षक द्वारा शराब के नशे में विवाद करने का मामला सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। मौखिक आदेश पर थाना रानी तराई में पदस्थ आरक्षक द्वारा बिमारी का बहाना बनाकर अपने घर आये और मातर के दिन मारपीट करने वाले पुलिस आरक्षक नवनीत कलसी को एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने सस्पेंड कर दिया है। नवनीत कलसी पर आरोप है कि उसने झूठा बहाना बनाकर छुट्टी ली जिसके बाद शहर में झगड़ा किया और लोगों से मारपीट की। खुर्सीपार पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।
यह कार्रवाई छावनी-पाटन सीएसपी हरीश पाटिल की रिपोर्ट पर की गई है। सीएसपी पाटिल ने बताया कि नवनीत कलसी मूलत: पुलिस लाइन में तैनात था, मौखिक आदेश पर रानी तरई थाने में उसकी ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन दीपावली के दौरान बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी लेकर अपने घर खुर्सीपार चला आया था। 3 नवंबर को मातर त्योहार के दौरान शहर में भीड़-भाड़ थी, तभी सीएसपी को जानकारी मिली कि डबरापारा ओवर ब्रिज के नीचे कुछ लोग झगड़ा कर रहे हैं, जिससे जाम लग गया है।
सीएसपी ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान नवनीत कलसी, जो शराब के नशे में था, वहां आया और पुलिसकर्मी से डंडा छीनकर झगड़ रहे लोगों पर हमला करने लगा। सीएसपी ने उसे फटकारते हुए पूछा कि डंडा छीनकर मारपीट करने का कारण पूछा तो नवनीत ने कहा कि दुर्ग पुलिस आरक्षक है और छुट्टी पर है। सीएसपी की फटकार के बाद मौके से फरार हो गया।
अगले दिन, 4 नवंबर को नवनीत कलसी ने एक दंपती से भी मारपीट की। दंपती डबरापारा ब्रिज के पास खड़े थे, जब टीआई अंबर भारद्वाज ने उन्हें सलाह दी कि सुनसान जगह पर खड़ा होना सुरक्षित नहीं है। जैसे ही टीआई वहां से गए, नवनीत कलसी ने शराब के नशे में दंपती को धमकाना शुरू कर दिया। जब दंपती ने इसका विरोध किया, तो उसने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उन पर हमला कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर सीएसपी हरीश पाटिल ने खुर्सीपार थाना प्रभारी से मामले की एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने 9 नवंबर को आरक्षक नवनीत कलसी को सस्पेंड कर दिया।