इस्लामाबाद: तालिबान की अगुवाई वाले अफगानिस्तान की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने सोमवार को कहा कि इसमें कोई ‘शक नहीं’ है कि पाकिस्तान और ईरान के सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूद आतंकवादियों को तीसरे देशों का ‘नेतृत्व एवं समर्थन’ प्राप्त है। कुछ दिन पहले दोनों पड़ोसी देशों ने एक दूसरे के यहां कथित आतंकवादी अड्डों पर सैन्य हमला किया था। अब्दुल्लाहियान इस महीने की शुरुआत में किये गये सैन्य हमले के बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव को दूर करने के लिए रविवार देर रात पाकिस्तान पहुंचे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अब्दुल्लाहियान ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि ईरान और पाकिस्तान के साझा सीमावर्ती क्षेत्रों एवं उनके अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद आतंकवादियों को तीसरे देशों का नेतृत्व एवं समर्थन प्राप्त है और वे ईरानी एवं पाकिस्तानी सरकारों एवं देशों के फायदे में उठाये गये किसी भी अच्छे कदम का कभी समर्थन नहीं करते हैं।’ हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।
पाकिस्तान और ईरान में बनी सहमति
बाद में, जिलानी ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के स्तर पर ‘उच्च स्तरीय सकारात्मक प्रणाली की स्थापना’ पर राजी हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘अपने क्षेत्रों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए परस्पर सहयोग करने पर’ सहमत हुए हैं। उन्होंने एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करने एवं उनका निराकरण करने की जरूरत पर बल दिया।
पाकिस्तान-ईरान का एकदूसरे पर हमला
जिलानी ने कहा कि आतंकवाद के खतरे ने दोनों देशों के लिए साझी चुनौती पेश की है इसलिए पाकिस्तान एवं ईरान इस बुराई का मुकाबला करने और मजबूत संस्थागत तंत्र का लाभ उठाने के वास्ते सहयोगपरक पहल पर सहमत हुए हैं। अब्दुल्लाहियान की यह यात्रा ऐसे समय हुई है जब ईरान और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष होते-होते रह गया। ईरान ने पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र पंजगुर में आतंकवादियों के कथित ठिकानों पर एकतरफा हमला किया। उसके बाद पाकिस्तान ने भी ऐसी ही कार्रवाई की। लेकिन उसके बाद ईरान ने दोबारा ऐसा नहीं किया और स्थिति संभल गयी।