टी20 विश्व कप में वेस्टइंडीज के बाहर होने से भारतीय टीम को भी सबक लेने की जरुरत है। दो बार की चैम्पियन रही वेस्टइंडीज टीम को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा। टीम के पास कई स्टार खिलाड़ी है पर वह टीम को जीत नहीं दिला पाये। जिस टीम में क्रिस गेल , कायरन पोलार्ड, ड्वेन ब्रावो, आंद्रे रसेल, जेसन होल्डर जैसे ऑलराउंडर हों उसे इस प्रकार हारता देखकर सभी को हैरानी हुई है।
इससे पहले साल 2012 में इन्हीं खिलाड़ियों ने वेस्टइंडीज को जीत दिलाई थी। जहां भारतीय टीम के पास ऑलराउंडरों की कमी है और इसके कारण टीम संतुलन प्रभावित होता है , वहीं वेस्टइंडीज के पास करीब पांच ऑलराउंडर हैं। इसके बाद भी टीम एक इकाई की तरह एकजुट होकर नहीं खेल पायी है। जिस टीम में ब्रावो के खिलाड़ी दसवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हों, उसकी बल्लेबाजी बिखरने का कारण यह है कि टीम के पास मैच विजेता है पर टीम संगठित नहीं है। टीम के सभी बड़े सितारें दुनिया भर की लीग में खेलते हैं।
ब्रावो शुरुआत से ही इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेल रहे हैं। वहीं कायरन पोलार्ड और आंद्र रसेल मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से खेलते हैं। स्पिनर सुनील नरेन भी केकेआर के सदस्य हैं। यह सभी अपनी फ्रेंचाइजी के लिए मैच विजेता है पर जब वेस्टइंडीज की ओर से खेलने वाली बात आती है टीम वर्क की कमी हो जाती है। लीग में खेलने के कारण ही ये क्रिकेटर एक साथ वेस्टइंडीज की ओर से नहीं खेलते। ऐसे में इनमें आपसी समन्वय की कमी हो जाती है।
वेस्टइंडीज में स्टार खिलाड़ियों को हटाना चयनकर्ता, कोच और कप्तान के लिए आसान नहीं होता और इस प्रकार फार्म में नहीं होने पर भी ये खिलाड़ी लंबे समय तक खेलते हैं। भारतीय क्रिकेट में भी स्टार खिलाड़ियों का वेस्टइंडीज जैसा ही दबदबा रहता है , जिसका नुकसान भी उसे उठाना पड़ा है।