मुम्बई। देश में भले ही कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो गया है पर इसके बाद भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 15 वें सत्र में कोविड-19 नियमों का पालना करना अनिवार्य रहेगा। इस मामले में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) किसी भी किस्म की ढ़ील देने के पक्ष में नहीं है। बोर्ड का मानना है कि अगर कोई टीम या खिलाड़ी नियमों का पालन नहीं करता तो उसपर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
इसके अलावा सजा के तौर पर एक मैच के निलंबन से लेकर सात दिनों तक क्वारंटीन में रहने के अलावा टूर्नामेंट से निकाले जाने का भी खतरा रहेगा। वहीं दूसरी ओर, किसी खिलाड़ी या मैच अधिकारी के परिवार के सदस्य द्वारा बायो बबल को तोड़ने पर और भी अधिक गंभीर प्रतिबंध लगेंगे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई टीम किसी बाहरी व्यक्ति को टीम के बायो बबल में आने देती है, तो उसे इस लापरवाही के लिए एक करोड़ रुपये तक की सजा हो सकती है और बाद में गलती होने पर टीम की अंकतालिका से एक या दो अंक की कटौती भी हो सकती है। दंड की तालिका ए में, यह कहा गया है कि एक खिलाड़ी, टीम अधिकारी या मैच अधिकारी द्वारा बायो बबल तोड़ा जाता है तो उसपर कड़े प्रतिबंध लगेंगे।
पहली बार नियम तोड़ने पर 7 दिन का क्वारंटीन रहना होगा। ऐसी अन्य अवधि जो आईपीएल 2022 के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रदान की जा सकती है। दूसरी बार नियमों के उल्लंघन पर एक मैच का निलंबन (वेतन के बिना) सात दिन की अवधि के पूरा होने के बाद या आईपीएल 2022 के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रदान की जाने वाली ऐसी अवधि के बाद प्रभावी होगा।
वहीं तीसरे अपराध के मामले में शेष सत्र के लिए पंजीकृत टीम से हटाना किसी भी प्रतिस्थापन की अनुमति नहीं है। इस बीच, परिवार के सदस्यों के लिए भी दो तरह के प्रतिबंध हैं। पहला प्रतिबंध यह है कि परिवार के सदस्य के लिए 7 दिन की आवश्यकता या आईपीएल 2022 के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रदान की जाने वाली ऐसी अन्य अवधि के लिए फिर क्वारंटीन में रहना होगा।
वहीं दूसरा प्रतिबंध यह है कि शेष सत्र के लिए टीम या परिवार के सदस्य को बबल से स्थायी रूप से हटाना और संबंधित खिलाड़ी, टीम अधिकारी, मैच अधिकारी या ऐसी अन्य अवधि की आवश्यकता के लिए 7-दिन क्वारंटीन की आवश्यकता होती है जो स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रदान की जा सकती है।