नई दिल्ली । केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के ट्रस्ट के आवेदन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। ट्रस्ट ने मंदिर के लिए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 25 साल के ऑडिट से छूट देने के लिए आवेदन किया था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल दिया गया ऑडिट कराने का आदेश सिर्फ मंदिर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ट्रस्ट भी इसके दायरे में आता है।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऑडिट को तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस
रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि ऑडिट शीघ्र अति शीघ्र पूरा हो जाना चाहिए और अगर संभव हो तो यह तीन महीने में पूरा हो जाना चाहिए।
पीठ ने कहा यह स्पष्ट है कि विचाराधीन ऑडिट का उद्देश्य केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं था बल्कि न्यास से भी संबंधित था। इस निर्देश को 2015 के आदेश में दर्ज मामले में न्याय मित्र की रिपोर्ट के आलोक में देखा जाना चाहिए।
केरल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति ने त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा संचालित मंदिर न्यास की लेखा परीक्षा का अनुरोध करते हुए न्यायालय से 17 सितंबर को
कहा था कि मंदिर बहुत मुश्किल समय से जूझ रहा है और वहां चढ़ाया जाने वाला दान इसके खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ से कहा था कि केरल के सभी मंदिर बंद हैं। उन्होंने कहा था मासिक खर्च 1.25 करोड़ रुपए है, जबकि हमें मुश्किल से 60-70 लाख रुपए मिल पाते हैं, इसलिए हमने कुछ दिशा-निर्देशों का अनुरोध किया है।