बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मैच में मुंबई के नंबर-10 और नंबर-11 बल्लेबाजों ने इतिहास रच दिया है। इस मैच में मुंबई की दूसरी पारी में नंबर-10 पर आने वाले तनुष कोटियन ने नाबाद 120 और नंबर-11 पर आने वाले तुषार देशपांडे ने 123 रन की पारी खेली।
यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ दूसरा मौका है जब किसी पारी में नंबर-10 और नंबर-11 बल्लेबाजों ने सेंचुरी जमाई है। इससे पहले 1946 में इंग्लैंड में सरे काउंटी के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से चंदु सरवटे और शुते बनर्जी ने नंबर-10 और नंबर-11 पर बैटिंग करते हुए सेंचुरी जमाई थी।
मुंबई ने बड़ौदा को दिया 600 रन का टारगेट
तनुष और तुषार की सेंचुरी की बदौलत मुंबई ने अपनी दूसरी पारी में 569 रन बनाए और बड़ौदा के सामने जीत के लिए 600 रन का टारगेट रखा है। इससे पहले मुंबई ने अपनी पहली पारी में 384 रन बनाए थे। जवाब में बड़ौदा की पहली पारी 348 रन के स्कोर पर सिमटी थी।
337 रन पर गिर गए थे 9 विकेट
दूसरी पारी में मुंबई के 9 विकेट 337 रन के स्कोर पर गिर गए थे। इसके बाद तनुष और तुषार ने आखिरी विकेट के लिए 232 रन की पार्टनरशिप कर दी। तनुष ने अपनी पारी में 129 गेंदों का सामना किया और 10 चौके और 4 छक्के जमाए। वहीं, नंबर-11 तुषार ने 129 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके और 8 छक्के जमाए।