रायपुर । राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षक दिवस पर राजभवन में आयोजित समारोह में वर्ष 2023-24 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल डेका ने शिक्षकों को विद्यार्थियों को बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों को सिखाने पर भी जोर दिया।
समारोह में 2023-24 के लिए चयनित 52 उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही तीन प्रमुख साहित्यकारों के नाम पर विशेष पुरस्कार दिए गए। बिलासपुर की डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे, कबीरधाम के राजर्षि पाण्डेय, और दुर्ग की डॉ. सरिता साहू को क्रमशः डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. मुकुटधर पाण्डेय और डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार प्रदान किए गए।
राज्यपाल डेका ने कहा कि शिक्षकों की भूमिका प्रतिभाओं के विकास में महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षण सभी व्यवसायों की जननी है और यह हमें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों को नैतिकता और उच्च मूल्यों की शिक्षा देने की जिम्मेदारी भी सौंपी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि भारत उत्तम शिक्षा के मामले में सदैव समृद्ध रहा है। उन्होंने शून्य की खोज और आर्यभट्ट, भाष्कराचार्य, नागार्जुन जैसे वैज्ञानिकों के योगदान की चर्चा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश में 9438 बालवाड़ियों की स्थापना की गई है, 18 स्थानीय भाषाओं में शिक्षा की शुरुआत की गई है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी रोबोटिक्स और एआई की शिक्षा शुरू की गई है।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्वागत उद्बोधन के साथ प्रतिवेदन का वाचन किया। आभार प्रदर्शन संचालक लोक शिक्षण श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने किया। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने राज्यपाल डेका और मुख्यमंत्री साय को स्मृति चिन्ह स्वरूप पुस्तक भेंट की।
कार्यक्रम में आयुक्त जनसंपर्क मयंक श्रीवास्तव, राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव झा, राज्यपाल की संयुक्त सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक, पत्रकार उपस्थित थे।