आईसीसी टी20 विश्व कप क्रिकेट की शुरुआत में खिताब की सबसे प्रबल दावेदार रही भारतीय टीम आंखिरकार इस टूर्नामेंट से बाहर हो गयी है। इसी के साथ ही भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री के अरमानों पर भी पानी फिर गया। विराट का यह टी20 में कप्तान के रुप में अंतिम टूर्नामेंट था जबकि कोच के रुप में शास्त्री का करार अब समाप्त हो गया है। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अपने दोनो ही अभ्यास मैच जीतकर अच्छी शुरुआत की थी पर इसके बाद उसे एक के बाद एक हार मिलती गयी। यहां तक की उसे पहली बार विश्व कप में पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय टीम की ताकत बल्लेबाजी मानी जाती है पर इस टूर्नामेंट में भारतीय बल्लेबाज पूरी तरह नाकाम रहे, कप्तान विराट कोहली ने हालांकि अपनी ओर से प्रयास किया पर उन्हें किसी का साथ नहीं मिला। इसके बाद गेंदबाजी में भी भारतीय खिलाड़ी लय में नहीं दिखे यहां तक कि विश्व के सबसे अच्छे गेंदाबाजों में शामिल जसप्रीत बुमराह भी विकेट नहीं ले पाये। पहले मुकाबले में पाकिस्तान टीम ने दस विकेटों से जीत दर्ज की। वहीं दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी गेंदबाज विकेट के लिए तरस गये हालांकि बुमराह को दो विकेट मिले पर वह भी बल्लेबाजों पर अंकुश नहीं लगा पाये। , इस टूर्नामेंट में ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को रखा गया पर वह गेंदबाजी नहीं कर पाये और बल्लेबाजी में भी विफल रहे। इस कारण पूरी तरह फिट नहीं होने के बाद भी उन्हें टीम में जगह दिये जाने को लेकर सवाल उठने लगे। वहीं तेज गेंदबाज भुवनेश्वर भी पूरी तरह असफल रहे। टीम प्रबंधन ने बदलाव के तौर पर कीवी टीम के खिलाफ दूसरे मुकाबले में रोहित शर्मा की जगह ईशान किशन से पारी शुरु करायी पर यह प्रयोग भी कोई काम नहीं आया। ईशान के अलाव ऑलराउंड शार्दुल ठाकुर भी गेंद और बल्ले दोनो से ही नाकाम रहे।
इस टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का मेंटॉर बनाया गया था जिस कारण उम्मीद थी कि भारतीय टीम और अच्छा प्रदर्शन करेगी पर हुआ इसके विपरीत ही। इससे साफ है कि धोनी की रणनीति भी कोई काम नहीं आयी। वहीं धोनी जब टीम इंडिया से जुड़े तो कप्तान विराट कोहली सहित सभी का मानना था कि उनके अनुभव और रणनीति बनाने की छमता भारतीय टीम के काम आएगी। टीम के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा जैसे मैच विजेता खिलाड़ी थे पर कोई भी अपने रंग में नजर नहीं आया और टीम कागजी शेर साबित हुई।
आईपीएल को प्राथमिकता दे रहे खिलाड़ी: कपिल
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा है कि आजकल जिस प्रकार खिलाड़ी देश के लिए खेलने की जगह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को प्राथमिकता दे रहे हैं। उसको देखते हुए बीसीसीआई को एक बेहतर कार्यक्रम बनाना चाहिये जिससे खिलाड़ी टी20 विश्व कप में तरोताजा होकर खेलें। टी20 विश्व कप में इस बार भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के बाद खिलाड़ियों ने बायो बबल की थकाम को इसके लिए जिम्मेदार बताया था। इसपर कपिल का मानना है कि खिलाड़ी आईपीएल को प्राथमिकता देने लगे हैं। ऐसे में टी20 विश्व कप के दौरान की गई गलतियों से बचने के लिए बोर्ड को बेहतर कार्यक्रम तैयार करना होगा।
कपिल ने कहा, ‘जब खिलाड़ी देश के लिए खेलने से ज्यादा आईपीएल को प्राथमिकता देते हैं, तो हम क्या कह सकते हैं? खिलाड़ियों को अपने देश के लिए खेलने पर गर्व होना चाहिए। मुझे उनके आर्थिक हालात पता नहीं है, इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।' आईपीएल का आयोजन टी20 विश्व कप से ठीक पहले किया गया था। इस कारण विश्व कप में खिलाड़ियों को थकान में देखा गया।
कपिल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पहले राष्ट्रीय टीम और फिर फ्रेंचाइजी होनी चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वहां आईपीएल न खेलें पर अच्छी योजना तैयार करने की जिम्मेदारी अब बीसीसीआई पर है।' उन्होंने कहा, ‘इस टूर्नामेंट में हमने जो गलतियां की हैं, उन्हें नहीं दोहराना हमारे लिए सबसे बड़ी सीख होगी।' कपिल ने इसके साथ ही कहा कि आईपीएल के दूसरे चरण और टी20 विश्व कप के बीच में अंतर होना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘यह भविष्य पर गौर करने का समय है। आपको तुरंत योजना तैयार करनी शुरू कर देनी चाहिए।' यह 2012 के बाद पहला अवसर है जबकि भारत किसी आईसीसी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया और कपिल ने कहा कि प्रत्येक को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।