भोपाल । आमतौर पर मध्य प्रदेश में 15 नवंबर के बाद ठंड जोर पकड़ना शुरू करती है, लेकिन इस बार ठंड तय से समय से पहले दस्तक दे सकती है, इसका पूरा अनुमान है। वहीं मौसम वैज्ञानिक इस साल रिकार्ड तोड़ ठंड पड़ने का अनुमान जता रहे हैं। दिसंबर माह के पहले सप्ताह से न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट आने लगती है, लेकिन इस बार अक्टूबर माह में ही पिछले 10 वर्षों के मुकाबले रात का तापमान काफी कम दर्ज होने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार तय समय से पहले ठंड जोर पकड़ सकती है। इसकी वजह उत्तर भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ का पहुंचना है। एक पखवाड़े में तीन पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं। नया पश्चिमी विक्षोभ एक नवंबर को आने की संभावना है।
अधिक तीव्रता वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी होती है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर सर्द हवाएं तेजी से मैदानी इलाकों की तरफ बढ़कर वातावरण में तेजी से ठंड बढ़ाने लगती है। मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके साहा के अनुसार, हवा का रुख लगातार उत्तरी बना हुआ है। इस वजह से रात के साथ ही अब दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज होने लगी है। इससे वातावरण में सिहरन महसूस होने लगी। शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, अभी दो दिन तक मौसम के मिजाज में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
एक नवंबर को एक अधिक तीव्रता वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है।इस सिस्टम के उत्तर भारत से आगे बढ़ने के साथ ही तीन-चार नवंबर से प्रदेश में रात के तापमान में एक बार फिर तेजी से गिरावट होने के आसार हैं। इस सिस्टम के असर से उत्तर भारत के पहाड़ों पर फिर बर्फबारी शुरू होगी, लेकिन हवाओं का रुख बदलने से मप्र में ठंड का असर भी कुछ कम होने लगेगा।