नई दिल्ली । देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक अकटूबर को समाप्त सप्ताह में 1.169 अरब डॉलर कम होकर 637.477 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत मदद उपलब्ध कराता है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 24 सितंबर को समाप्त सप्ताह में इसमें 99.7 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी और यह 638.646 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। उससे पहले तीन सितंबर 2021 को समाप्त सप्ताह में यह 8.895 अरब डॉलर बढ़कर 642.453 अरब डॉलर हो गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट विदेशी मुद्रा संपत्तियां (एफसीए) में कमी से आई है। एफसीए 1.28 अरब डॉलर घटकर 575.451 अरब डॉलर रह गईं। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है। इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 12.8 करोड़ डॉलर बढ़ा और 37.558 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास मौजूद देश का विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 13.8 करोड़ डॉलर घटकर 19.24 अरब डॉलर रह गया। अप्रैल-जून 2021 की अवधि के दौरान प्रमुख मुद्राओं तुलना में डॉलर की दर में आई कमी और सोने की कीमतों में वृद्धि को दर्शाते हुए मूल्यांकन लाभ, 2.2 अरब डॉलर था जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आठ अरब डॉलर रहा था।