बिलासपुर । कानन पेंडारी जू में सुबह एक मादा भालू की मौत हो गई है . मादा भालू की मौत की वजह संक्रमण बताया जा रहा है . भालू की उम्र लगभग सवा चार साल थी और पिछले कुछ दिनों से कानन जू में ही उसका ईलाज चल रहा था . कानन में एक माह के भीतर लगातार यह तीसरे भालू की मौत हुई है .
वन विभाग से मिली अधिकृत जानकारी के अनुसार शुक्रवार, 25 मार्च को कानन पेण्डारी जूलॉजिकल गार्डन, बिलासपुर में एक मादा भालू की सुबह 7.20 बजे मृत्यु हो गई . मादा भालू- कविता का पिछले चार दिनों से कानन में ही सघन उपचार चल रहा था . जू के अधिकारियों के अनुसार प्रथमदृष्टया मिले लक्षणों के आधार पर मादा भालू इन्फेक्शस कैनाइन हेपेटाइटिस से संक्रमित थी . आइसीएच का संक्रमण एक विषाणु जनित बीमारी है जो कि एडिनो वायरस से होता है और इसका कोई प्रभावी उपचार नहीं है।
जू अधिकारियों और चिकित्सकों के अनुसार इस संक्रमण से भालुओं को बचाव हेतु उन्हें अन्य से अलग रखना ही एक मात्र उपाय है लेकिन मादा भालू- कविता पूर्व में मृत भालुओं के संपर्क में थी . इसके पूर्व एक माह के भीतर, कानन में दो भालुओं की मौत हो चुकी है . अधिकारियों ने संभावना व्यक्त की है कि उन्हीं भालुओं के सीधे संपर्क में होने के कारण भालू-कविता को संक्रमण हुआ होगा . भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान प्रतिष्ठान, बरेली के द्वारा पूर्व में मृत भालू के विसरा नमूना की जाँच के पश्चात मृत्यु का कारण आईसीएच ही बताया गया है .
वन अधिकारियों के अनुसार इन्हीं लक्षणों के आधार पर मादा भालू को 21 मार्च से आज तक तरल चिकित्सा, कृत्रिम रूप से ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक दवाईयाँ प्रदान की जा रही थी .
अधिकारियों ने बताया कि मादा भालू की उम्र लगभग 04 वर्ष 03 माह थी जिसे 20 जनवरी 2018 को बलरामपुर से 1 माह की उम्र में रेस्क्यू करके लाया गया था . मादा भालू की मृत्यु के पश्चात पोस्टमार्टम संचालक, अचानकमार अमरकंटक बायोरिफर रिजर्व, अधीक्षक एवं परिक्षेत्राधिकारी, कानन पेण्डारी जू की उपस्थिति में पशु चिकित्सकों की समिति डॉ. आर. एम. त्रिपाठी, डॉ. अजीत पाण्डेय, डॉ. तृप्ति सोनी के द्वारा किया गया एवं परीक्षण हेतु विसरा एकत्रित कर दाह संस्कार कर दिया गया है . ज्ञातव्य है कि कानन में एक माह के भीतर लगातार यह तीसरे भालू की मौत हुई है . इसके पहले जू में 26 फरवरी और 10 मार्च को एक-एक भालू की बीमारी से मौत हो गई थी .