कोरबा वनमंडल कोरबा के कनकी में प्रवासी पक्षियों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। पक्षियों की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर पंचनामें की कार्यवाही में जुट गये है। प्रवासी पक्षियों की मौत की वजह सुरक्षा की कमी, बिजली कडक़ना व तेज हवा को माना जा रहा है। कनकी में हर वर्ष मानसून शुरू होने से पहले 15 मई से लेकर मानसून आने तक एशियन ओपन बिलस्टार्क नामक प्रवासी पक्षियों का आना होता है। बारिश के खत्म होते-होते अक्टूबर माह के अंत तक इनकी वापसी हो जाती है। हर साल लगभग 25 सौ की संख्या में ये प्रवासी पक्षी यहां प्रजनन के लिए पहुंचते हैं।
करतला वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कनकी के उक्त स्थल को प्रवासी धाम के तौर पर कोरबा वन मंडल ने संरक्षित किया है। प्रवासी पक्षी यहां हर साल आते हैं लेकिन इनके सुरक्षा और संरक्षण के लिए किए जाने वाले उपाय पर्याप्त नहीं हैं। विगत वर्षों में गाज गिरने से सैकड़ों प्रवासी पक्षियों की मौत हुई थी इसके बाद यहां तड़ित चालक लगाया गया। बताया जाता है कि पूर्व में यहां करीब 50 लाख के कार्य की योजना तैयार तो की गई लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। ग्राम पंचायत, वन विभाग के बीच विकास का यह सिलसिला थमा हुआ है। जो उपाय किए जाने चाहिए वह नहीं किए जा रहे हैं। इस घटनाक्रम को लेकर दी गई सूचना के बाद वन विभाग की ओर से डीप्टी रेंजर शुक्ला, बिट गार्ड व अन्य कर्मी ग्राम कनकी पहुंचे और आवश्यक जानकारी लेने के साथ मृत प्रवासी पक्षियों का पंचनामा आदि की कार्यवाही की। क्षेत्र में अब तक लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक मृत पक्षियों को बरामद कर लिया गया है, जो बच्चे है। संख्या और भी बढ़ सकती है। मृत पक्षियों को पंचनामें के बाद दफनाया जायेगा।