नई दिल्ली । टीम इंडिया के पूर्व कोच लालचंद राजपूत ने कहा है कि किसी भी खिलाड़ी को संन्यास की सलाह नहीं दी जा सकती है। पूर्व कोच ने यह बात टीम इंडिया के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को लेकर कही। साहा ने हाल ही में कहा था कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ सहित टीम प्रबंधन ने उन्हें संन्यास लेने की सलाह लेते हुए कहा था कि अब उनके नाम पर विचार नहीं होगा।
इसी कारण उन्हें रणजी से भी अपना नाम वापस लेना पड़ा है। साहा ने भारत की ओर से 40 टेस्ट खेले हैं। राजपूत ने कहा कि संन्यास का फैसला स्वयं खिलाड़ी को ही करना होगा। उन्होंने कहा, ‘आप किसी भी खिलाड़ी को यह नहीं बोल सकते हैं कि आप संन्यास लो। हर खिलाड़ी के ऊपर यह होता है कि वह कब तक खेले और कब संन्यास ले। यह उसका फैसला होता है।’ साथ ही कहा कि भले ही आप खिलाड़ियों को टीम में नहीं लें पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट और आईपीएल में तो उन्हें अवसर मिलना ही चाहिये।
राजपूत के अनुसार यदि आप किसी खिलाड़ी के संन्यास की बात करते हैं तो उसके सारे रास्ते बंद हो जाते हैं। चाहे तो रणजी ट्रॉफी हो या आईपीएल जबकि होना यह चाहिये कि जब तक खिलाड़ी फिट है, उसे खेलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी अभी तक फिट है और खेल रहा है। उसने टेस्ट और एकदिवसीय से स्वयं संन्यास लिया है। उससे किसी ने कहा नहीं , अगर आप किसी खिलाड़ी को टीम इंडिया में नहीं लेते हैं तो उसे स्वयं ही इस बारे में जानकारी मिल जाती है जिससे वह खेल को अलविदा कहने के बारे में सोचने लगता है।’
राजपूत ने कहा कि 40 टेस्ट खेलने वाले साहा के साथ संवाद सही नहीं रहा , इसलिए इस प्रकार की स्थिति बनी। उन्होंने कहा कि मैं भी कोच हूं। मेरे पास भी कई खिलाड़ी आते हैं और कहते हैं कि मेरे लिए भविष्य में किस तरह के अवसर हैं। मैं उनसे हमेशा कहता हूं कि आप अच्छा प्रदर्शन करो, उम्र का कोई बंधन नहीं है।