हैदराबाद: जन्म से पहले ही स्कैन में पता चला कि विजया दीपिका गंगापट्टनम की हड्डियों में कई मोड़ थे। पिता के अनुसार 13 साल की विजया की हड्डियां 'कांच' की तरह हैं। उसे दुर्लभ हड्डियों की बीमारी है, जिसके कारण शरीर में 45 फ्रैक्चर हैं। फिर भी अब लगता है कि उसकी जिंदगी में 'कांच' से ज्यादा 'स्टील' है क्योंकि टेबल टेनिस खेलकर विजया ने अपनी किस्मत बदल दी है। विजया ने इस मार्च में इंदौर में यूटीटी पैरा टेबल टेनिस नेशनल चैंपियनशिप में सबसे कम उम्र की पदक विजेता का कारनामा किया। उन्होंने सिंगल्स में सिल्वर और डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
भाई की वजह से टेटे खेलना शुरू किया
विजया का मतलब होता है जीत और सिकंदराबाद के अलवाल की लड़की टेबल टेनिस की ओर अपने भाई की वजह से आकर्षित हुई। उसका बड़ा भाई विजयतेज टेनिस खेलता था। हालांकि विजया की हालत की वजह से उसके पिता विजय भास्कर राजू ने ही टीटी की सुविधा दी। विजया भारत के लिए पैरालिंपिक में मेडल जीतना चाहती है। विजया की स्थिति पर उसके पिता भास्कर ने कहा- उसे जन्म के दौरान भी फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा क्योंकि डॉक्टरों को उसकी पहले से स्थिति के बारे में पता नहीं था। विजया के ज्यादातर फ्रैक्चर तब हुए जब वह छोटी थी और घुटनों के बल चल रही थी। उसे अपने शरीर का भार अपने हाथों पर उठाना पड़ता था। वह अलग अलग तरह के व्हीलचेयर का उपयोग करती है। व्हीलचेयर बदलते समय वह कई बार गिर चुकी है। वह नहाने समय फिसल जाती थी, जिसके उसके पैर टूट गए।
भारत के लिए जीतना चाहती है मेडल
विजया को सात साल की उम्र तक चलने में दिक्कत होती थी, क्योंकि उसके कूल्हे और घुटने में फ्रैक्चर हो गया था। जिसके कारण सर्जरी करानी पड़ी। इन समस्याओं ने उसे अपने दैनिक कामों के लिए सहायता लेनी पड़ी। भास्कर कहते हैं- हमें उसकी शीशे की तरह देखभाल करनी पड़ती है। अन्य बच्चों की तरह विजया स्कूल नहीं जाती क्योंकि वहां चोट की खतरा है। विजया ने कहा, 'मेरे माता-पिता और भाई काफी मदद करते हैं। वे मुझे घर पर पढ़ाते हैं। मैंने इस साल या अगले साल ओपन स्कूल से दसवीं की परीक्षा देने का प्लान कर रही हूं।
विजया की मां अरुणा ने बताया कि वो हमेशा अपना साथ पेनकिलर और बैंडेज रखते हैं। इंदौर में विजाय केवल भाविना पटेल से पीछे रहीं। भाविना ने 2020 पैरालिंपिक में रजत पदक जीता था।