मयंक अग्रवाल : सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल अब द.अफ्रीका दौरे में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं। मयंक ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में शतक जबकि दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया था। मयंक ने पहली पारी में 150 और दूसरी में 62 रन बनाये थे।
इसी प्रदर्शन के कारण उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भी टीम में जगह मिली है। अब मयंक का प्रयास टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर जगह पाना रहेगा हालांकि इसके लिए उनकी टक्कर लोकेश राहुल से रहेगी। मयंक ने कहा है कि अगर उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर जगह नहीं मिलती है तो वह किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं।
मयंक इस सीरीज से पहले खराब दौर से गुजर रहे थे पर टीम के नये मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की एक सलाह ने उनकी बल्लेबाजी को बेहतर बना दिया। इससे पहले मयंक रनों के लिए संघर्ष कर रहे थे और पिछले दो साल से कोई शतक नहीं लगा पाये थे। वहीं कोच द्रविड़ की दी हुई सलाह मयंक के आम आई और वह अब आत्मविश्वास से बल्लेबाजी कर रहे हैं। द्रविड ने मयंक से कहा कि कि मुझे पता है कि आपने बहुत अधिक रन नहीं बनाए हैं, इसलिए अपनी भावनाओं को काबू में रखें। अपने विचारों को मैनेज करें।
इस पर ज्यादा ध्यान न दें। द्रविड़ ने खेल से जुड़े मानसिक पहलू को बेहतर ढंग से समझने में मयंक की सहायता जबकि बल्लेबाजी के तकनीकी पहलू को लेकर कहा कि इसी के कारण आपने अतीत में काफी रन बनाए हैं। इसलिए उसपर जमे रहो। रन अपने आप आएंगे। उन चीजों को वापस करें, जिन्होंने आपके लिए काम किया है। मयंक ने इस सीख को अपनाया जिसके कारण ही वह एक बार फिर लय हासिल करने में सफल रहे हैं।
श्रेयस अय्यर : वहीं भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस खिलाड़ी की असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका दौरे में होगी। अय्यर ने कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छी शुरुआत करते हुए पहली पारी में शतक जबकि दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया था।
गांगुली ने कहा कि अय्यर का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग एक दशक से औसत 50 से अधिक रहा है। ऐसे में उसे सामान्य बल्लेबाज नहीं मान सकते हैं। गांगुली ने साथ ही कहा कि एक खिलाड़ी को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर दिये जाने की जरुरत है। मैंने उनका प्रथम श्रेणी का औसत देखा, 10 वर्षों की अवधि के लिए उनका औसत 52 था और आप ऐसा करने के लिए सामान्य नहीं हो सकते। ऐसे में किसी स्तर पर आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अवसर की जरुरत होती है। गांगुली ने कहा, मैं बेहद खुश हूं कि कीवी टीम के खिलाफ उसने अपने पदार्पण टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि उसकी असली परीक्षा तब होगी जब वह दक्षिण अफ्रीका में उछाल भरी पिचों पर रन बनाने में खेलेगा। मुझे उम्मीद है कि वह बेहतर प्रदर्शन में सफल रहेगा।