मुम्बई । रणजी ट्राफी क्रिकेट में अपने में अपने पदार्पण मैच में ही तिहरा शतक जड़कर इतिहास रचने वाले सकीबुल गनी का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। इसमें उनके बड़े भाई का समर्थन था, जिसके बल पर ही वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने पदार्पण मैच में ही तिहरा शतक बनाने में सफल रहे। सकीबुल के बड़े भाई फैजल गनी भी क्रिकेटर रहे हैं पर बिहार क्रिकेट में व्याप्त गुटबाजी के चलते वह कूच बेहार ट्रॉफी और विज्जी ट्रॉफी से आगे नहीं बढ़ पाये।
फैजल को विश्वास था कि एक दिन बिहार क्रिकेट की स्थिति सुधरेगी, इसलिए उन्होंने सकीबुल को क्रिकेट सिखाना जारी रखा और तय किया कि कठिन हालातों के बाद भी उसके अभ्यास में किसी तरह की बाधा पैदा न हो। बिहार की 2018 में रणजी ट्रॉफी में वापसी हुई और इस बीच सकीबुल भी कड़ी मेहनत के कारण निखरने लगे। बिहार अंडर-23 के पूर्व कोच अजय रात्रा ने ‘ट्रायल्स’ के दौरान इस युवा बल्लेबाज की प्रतिभा को पहचाना। वह उनके ‘शॉट’ चयन और ‘टाइमिंग’ से प्रभावित थे। रात्रा जानते थे कि थोड़े से बदलावों के बाद इस खिलाड़ी में निखार लाया जा सकता है। रात्रा ने सकीबुल की तकनीक में कुछ बदलाव किये, जिसके बाद तो वह जूनियर क्रिकेट में बिहार की और से जमकर रन बनाने लगे।
सकीबुल ने 2018-19 के सत्र में बिहार ‘अंडर-23’ की टीम से सर्वाधिक 685 रन बनाये, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 282 रन था। अगले सत्र में सीके नायडू ट्रॉफी में उन्होंने 694 रन बनाकर सीनियर टीम के लिए दावेदारी पेश कर दी। उन्होंने बिहार की तरफ से अपना पहला मैच विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट में जम्मू कश्मीर के खिलाफ सात अक्टूबर 2019 को जयपुर में खेला था। इसके बाद वह बिहार की सीमित ओवरों की टीम के नियमित सदस्य रहे, लेकिन कोविड-19 के कारण रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं होने से उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।