टाइटैनिक जहाज पर सवार रहे सबसे अमीर पैसेंजर की सोने की घड़ी नीलाम हुई है। BBC न्यूज के मुताबिक बिजनेसमैन जॉन जेकब ऐस्टर की यह घड़ी 12 करोड़ से ज्यादा की कीमत पर बिकी है। नीलामी से जुड़े अधिकारी एंड्र्यू ऐल्ड्रिज ने बताया कि यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घड़ी के साथ जॉन के गोल्ड कफलिंक्स भी मौजूद हैं। इसे अमेरिका के एक प्राइवेट कलेक्टर हेनरी ऐल्ड्रिज एंड संस ने खरीदा। इससे पहले टाइटैनिक जहाज के डूबते वक्त घबराए पैसेंजर्स को शांत करने के लिए जो वॉयलिन बजाया गया था, उसे साल 2013 में नीलाम किया गया था। नीलामी शुरू होने के 10 मिनट के अंदर यह वॉयलिन साढ़े 9 करोड़ रुपए में बिका था।
'टाइटैनिक से 2200 लोगों की कहानियां जुड़ीं'
नीलामकर्ता एंड्र्यू ने कहा, "ये ऑक्शन इस बात के सबूत हैं कि बिकने वाला सामना कितना अनोखा है। साथ ही ये दिखाता है कि लोग आज भी टाइटैनिक की कहानी को लेकर उत्साहित रहते हैं। 112 साल पहले जो जहाज डूब गया, उसकी बातें आज भी होती हैं। इस जहाज के डूबने से उन 2200 लोगों की कहानियां भी जुड़ी हैं, जो इस पर सवार थे।"
BBC न्यूज के मुताबिक, टाइटैनिक के डूबते वक्त घड़ी के मालिक जॉन जेकब लाइफबोट के जरिए जाने बचाने की जगह जहाज पर मौजूद दूसरे लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे। दरअसल, पहले जॉन को अंदाजा नहीं था कि जहाज पर कितना बड़ा खतरा है।
बिजनेसमैन जॉन के शव के साथ मिली थी घड़ी
हालांकि, बाद में टाइटैनिक डूबने लगा और कैप्टन लोगों को लाइफबोट के जरिए जहाज से निकालने लगे। जॉन ने जब तक खतरे को भांपा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ऐसे में उन्होंने चौथी लाइफबोट के जरिए पहले अपनी पत्नी मैडेलिन ऐस्टर को भेज दिया और खुद जहाज पर ही रह गए।
टाइटैनिक के डूबने के करीब 1 हफ्ते बाद समुद्र में जॉन का शव मिला था। उनकी जेब में सोने की घड़ी रखी हुई थी। जॉन उस जहाज पर मौजूद सबसे अमीर शख्स थे। उस वक्त उनकी 725 करोड़ थी, जो आज कई अरबों डॉलर के बराबर होगी। जॉन के बेटे विंसेंट ऐस्टर ने पिता की घड़ी उनके ऐग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के बेटे विलियम डॉबिन को दे दी थी।
14 अप्रैल 1912 को डूबा था टाइटैनिक जहाज
10 अप्रैल 1912 को अपने समय का सबसे बड़ा जहाज टाइटैनिक अपने पहले और आखिरी सफर पर निकला था। इसके निर्माण का काम 1909 में शुरू हुआ था और यह 1912 में पूरा हुआ था। अपना सफर शुरू करने के चौथे ही दिन यानी 14-15 अप्रैल की रात टाइटैनिक अटलांटिक महासागर में बर्फ के एक पहाड़ से टकरा गया था।
इसके बाद यह दो टुकड़ों में बंटकर महासागर में डूब गया था। टाइटैनिक के डूबने से 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, जहाज पर सवार 700 लोगों को बचा लिया गया था। टाइटैनिक के एक्सीडेंट को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। एक दावे के मुताबिक, जहाज के कैप्टन स्मिथ ने सागर में हिमखंड होने की चेतावनियों को नजरअंदाज किया और जहाज की स्पीड कम नहीं की।
1997 में इस जहाज के डूबने पर निर्देशन जेम्स कैमरॉन ने टाइटैनिक नाम से एक फिल्म बनाई थी, जिसने इस जहाज को पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया। टाइटैनिक फिल्म को रिकॉर्ड 11 ऑस्कर अवॉर्ड मिले थे।