नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर उमड़ते भावनाओं का गुबार। डेब्यू मैच में रनों के लिए बेसब्र। आउट हुआ तो पूरे भारत को जैसे सदमा लग गया। भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट के पहले दिन क्या कुछ नहीं देखने को मिला। इस सबकी शुरुआत 311 नंबर के कैप से हुई, जिसे महान अनिल कुंबले ने भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट के डॉन ब्रैडमैन कहे जाने वाले सरफराज खान को पहनाया। डेब्यू कैप मिलने के बाद सरफराज अपने पिता या यूं कहें कि गुरु नौशाद खान के पास पहुंचे तो आंसू सैलाब बनकर झर-झर बहने लगे। सरफराज की वाइफ भी मैदान पर थीं। क्रिकेटर की पत्नी की आंखें भी तालाब बनी हुई थीं।
रात को बख्त दो, सूरज अपने ही समय पर निकलेगा: नौशाद खान
आंसू पोछते सरफराज मानों कह रहे हों कि अब तो 'जश्न ए बहारा' है। सोशल मीडिया पर बधाइयों की बौछार हो रही थी। हर किसी को इंतजार था कि सरफराज खान टेस्ट डेब्यू करें और अब यह सपना पूरा हुआ। गोल्डन ड्रीम पूरा होने के बाद नौशाद ने कहा- पहले जब मैं (सरफराज पर) बहुत मेहनत करता था तो सोचता था कि मेरा सपना सच क्यों नहीं हो जाता। लेकिन टेस्ट कैप मिलने के बाद उन सभी बच्चों के लिए मेरी सोच बदल गई है जो काम कर रहे हैं। रात को बख्त दो गुजारने के लिए, सूरज अपने ही समय पर निकलेगा।
पिता ने कहा था कड़ी मेहनत करते रहो, कोई रोक नहीं सकता
सरफराज ने स्वप्निल शुरुआत करते हुए रन आउट होने से पहले 66 गेंदों में 62 रन बनाए। विजाग में दूसरे टेस्ट से पहले पहली बार टीम में शामिल होने से पहले सरफराज ने साल दर साल घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाए। वह इस बारे में कहते हैं- हर बार यह सोचकर आंसू आ जाते थे कि अब मुझे फोन आएगा, मुझे अभी फोन आएगा। मेरे अब्बू (पिता) ने मुझसे बस एक ही बात कही थी कि कड़ी मेहनत करते रहो, तुम्हें कोई नहीं रोक सकता। मुझे लगता है कि यह है। विश्वास और धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
खाता खोलते ही सरफराज ने अंग्रेज गेंदबाजों को सूत दिया
सरफराज जब मैदान पर उतरे तो उन्हें देखकर कोई भी कह सकता था कि वह अपना पहला मैच खेल रहे हैं। चेहरे पर घबराहट थी, लेकिन हार्ड वर्क इतना कर रखा है कि उन्हें शॉट खेलने में कोई दिक्कत नहीं हुई। 66वें ओवर की चौथी गेंद पर जब सरफराज खान ने मार्क वुड की गेंद पर खाता खोला तो पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। 69वें ओवर में सरफराज ने रेहान को पहला चौका मारा तो अगले ही ओवर में दूसरा चौका भी निकल गया। इसके बाद उन्हें रोकना मुश्किल दिख रहा था।
आंसुओं के तालाब में रनों के हिलारे तो सिर्फ ट्रेलर हैं...
सरफराज ने इसके बाद वनडे के अंदाज में अंग्रेज गेंदबाजों को खूब धोया। देखते ही 48 गेंदों में हाफ सेंचुरी पूरी की तो हर किसी ने खड़े होकर तालियां बजाकर युवा बल्लेबाज का उत्साहवर्धन किया। वीआईपी बॉक्स में बैठे पिता को लोग बधाइयां देने लगे तो नौशाद की आंखों में एक बार फिर खुशी के आंसू थे। वाइफ रोमाना की खुशी भी देखते बन रही थी। हालांकि, यहां सरफराज 62 रन पर रन आउट हो गए, लेकिन यकीन मानिए आंसुओं के तालाब में ये रनों के हिलारे तो सिर्फ ट्रेलर है। पूरी पिक्चर अभी बाकी है।