बिलासपुर । महिलाओं को घर पहुंच कर न्याय दिलाने के लिए प्रदेश सरकार की "महतारी न्याय योजना"के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को जिला खनिज न्यास मद से 10 लाख रुपए राज्य महिला आयोग को दिए जाने का निर्देश है ताकि पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए महिला आयोग का रथ पूरे जिले में भ्रमण कर सके ।
जिला खनिज न्यास मद से दुर्ग तथा कांकेर जिले के कलेक्टर ने राशि 10 लाख रुपए महिला आयोग को भेज दिया है लेकिन बिलासपुर कलेक्टर ने यह राशि अभी तक नहीं भेजी है इसलिए महतारी न्याय योजना का रथ सबसे पहले दुर्ग जिले से प्रारंभ होगा ।जिस जिले के कलेक्टर जिला खनिज न्यास मद से राशि महिला आयोग को नहीं भेजते हैं उस जिले में महतारी न्याय योजना का रथ नही नही जा पायेगा ।
उक्त जानकारी देते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि अभी तक प्रदेश में महिलाओं से संबंधित 1250 मामले की सुनवाई की जा चुकी है ।अभी हर माह आयोग को 100 से भी ज्यादा आवेदन प्राप्त हो रहे हैं ।बिलासपुर जिले में 170 आवेदनों में से आज 30 मामलों पर सुनवाई की गई ।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में आंतरिक परिवार समिति का गठन किया जाना है और डिस्प्ले के द्वारा समिति की जानकारी भी दिया जाना अनिवार्य किया गया है ।आंतरिक परिवार समिति में 5 सदस्य होंगे ।निजी संस्थानों में तो आंतरिक परिवार समिति का गठन अनिवार्य किया गया है जिसमें मीडिया भी शामिल है। यह उल्लेखनीय है कि अधिकांश क्षेत्र में कामकाजी महिलाएं प्रताडि़त हो रही है।
ज्यादातर महिलाओं को कानून की जानकारी नहीं होती इसलिए वह अपनी परेशानी और व्यथा को नहीं बता पाती ।इसलिए ऐसी महिलाओं के लिए आंतरिक परिवार समिति का गठन किया जा रहा है ।जिसमें पीडि़त महिलाएं अपनी बात रख सकें इतना ही नहीं खेती किसानी करने वाले किसान के यहां अगर 10 से ज्यादा लोग काम कर रहे हो और उसमें महिलाएं भी हो तो ऐसे प्रत्येक किसान को भी आंतरिक परिवार समिति का गठन करना होगा ।जिन संस्थानों में 10 से कम कर्मचारी है वहां कलेक्टर के निर्देश पर समिति का गठन किया जाएगा ।
श्रीमती नायक ने बताया कि बिलासपुर में लगभग 5 माह की बाद सुनवाई की जा रही है क्योंकि कोरोना काल के चलते सुनवाई नहीं हो पा रही थी। आज बिलासपुर जिले के 30 और मुंगेली जिले के 10 मामलों की सुनवाई की गई ।15 मामलों में पक्षकार उपस्थित रहे जबकि 12 मामलों में दोनों पक्ष मौजूद रहे ।4 मामलों में दिशा निर्देश जारी किया गया है ।
उन्होंने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी हसौद में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने अपने अधिकारी के विरुद्ध छेड़छाड़ प्रताडऩा और पैसे की मांग करने तथा सी हार बिगाडऩे की धमकी देने का आरोप लगाया है इसमें अनावेदक का व्यवहार ठीक नहीं पाया गया । अनावेदक पर शराब पीकर दुव्र्यवहार करने की बात भी सामने आई। जिस पर पीडि़त महिला कर्मचारी को अपने उच्च अधिकारी को लिखित शिकायत करने और आयोग के निर्देश का हवाला देने कहां गया। साथ ही उन्हें आयोग के निर्देश की कॉपी मुफ्त में उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया ।
उन्होंने बताया कि यदुनंदन नगर तिफरा बिलासपुर की एक पीडि़त महिला जिसका साइलेंसर से हाथ जलने की शिकायत थी जिस पर दो चिकित्सकों के खिलाफ आयोग ने प्रकरण दर्ज किया है ।महिला का एनेस्थीसिया और सर्जरी करने वाले दो चिकित्सकों को भी नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा। इसी तरह 4 प्रकरणों में पीडि़त महिलाओं को रायपुर बुलाया गया है ताकि उनके आवेदन को संशोधित किया जा सके ।