मुंबई । इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणाम और कमोडिटी की कीमतें शेयर बाजार की चाल तय कर सकते हैं। हर दिन एक नया रिकार्ड बना रहे भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह भी तेजी रहने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ने के जोखिम से करेक्शन की आशंका भी जताई गई है, जिसके मद्देनजर इस सप्ताह छोटे निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी गई है। बीते सप्ताह शेयर बाजार ने नया रिकार्ड बना दिया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स मात्र 20 दिनों में ही 60 हजार से 61 हजार अंक को पार गया। इस दौरान निवेशकों ने भी 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली के बल पर जहां सेंसेक्स और निफ्टी ने नया मुकाम हासिल किया वहीं मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली कुछ सुस्त रही। इससे समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी रही।
विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजार की चाल अब घरेलू निवेशक तय करने लगे हैं क्योंकि बीते सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने 1037 करोड़ रुपए
का निवेश किया जबकि घरेलू निवेशकों ने 3296 करोड़ रुपए
की लिवाली की है। इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने कुल मिलाकर 2259 करोड़ रुपए
की बिकवाली भी की है। उनका कहना है कि बाजार में अब रिटेल निवेशकों की ताकत दिखने लगी है। अब भारतीय खुदरा निवेशक परिपक्वता से निवेश करने लगे हैं और बाजार की चाल भी तय करने लगे हैं।
अब वे एसआईपी के साथ ही सीधे शेयर में भी निवेश करने लगे हैं। शेयर बाजार के नये शिखर पर पहुंचने से विश्लेषकों ने बाजार में करेक्शन की आशंका से इंकार नहीं किया है। उनका कहना है कि जिस स्तर पर बाजार है उसमें कभी भी बड़ी बिकवाली देखी जा सकती है लेकिन वैश्विक बाजार की तुलना में भारतीय बाजार बेहतर रिटर्न दे रहे हैं, जिससे विदेशी संस्थागत निवेशक भी बिकवाली करने से पहले वैश्विक रुख को देख रहे हैं। उनका कहना है कि अभी दिवाली तक बाजार में बिकवाली की कम संभावना है लेकिन खुदरा निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश करना चाहिए।