नई दिल्ली । केरल की दो शिक्षिकाएं अचानक चर्चा में आ गई हैं। दरअसल इन्होंने कई बेघर लोगों के लिए 5 साल के भीतर 150 घर बनवाए हैं। छह साल पहले, कोच्चि के थोप्पुम्पडी में 'अवर लेडीज कॉन्वेंट गर्ल्स स्कूल' की प्रिंसिपल सिस्टर लिस्सी चक्कलक्कल को मालूम हुआ कि उनकी कक्षा 8 की एक छात्रा बेघर है। छात्रा ने अपने पिता को खो दिया था और परिवार के पास कोई घर नहीं था। फिर चक्कलक्कल ने उसी स्कूल की शिक्षिका लिली पॉल के साथ बच्ची के परिवार के लिए एक घर बनाने की पहल की। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों, छात्रों, पड़ोसियों और अन्य लोगों से धन जुटाया। लड़की के परिवार के पास आखिरकार 600 वर्ग फुट का घर बनकर तैयार हो गया। इसके बाद उन्हें पता चला कि स्कूल के कई छात्र दयनीय स्थिति में रह रहे थे। फिर दोनों ने एक पहल की और विभिन्न धन जुटाना शुरू किया। कई संस्थान और व्यापारिक फर्म समर्थन के लिए साथ आए। यहां तक कि निर्माण में लगे लेबर्स ने भी अपनी ओर से योगदान दिया। जल्द ही, दोनों शिक्षकों ने वर्ष 2014 में आयोजित स्कूल के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान हाउस चैलेंजिंग प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने छह साल की अवधि में बेघरों के लिए 150 घर बनाए हैं। घरों की कीमत 6 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक है। मकानों को टाइलिंग के बाद जरूरतमंद को सौंप दिया जाता है और एक अच्छा डिजाइन सुनिश्चित किया जाता है। इस पहल से स्कूल के करीब 80 छात्र घर पहुंचे। इसमें महिलाओं, बच्चों, विधवाओं और बीमार सदस्यों वाले बेघर परिवारों को प्राथमिकता दी गई। सरकार से समर्थन के बावजूद पैसे की व्यवस्था करने में मुश्किल होने वाले लोगों को अपने छात्रों को घर देने के लिए हमारी हाउस चैलेंज परियोजना शुरू की, जो बुनियादी सुविधाओं के बिना रह रहे थे। हमारा सपना हमारे समाज को 'बेघर मुक्त' बनाना है। हमने अब तक 150 घरों का निर्माण पूरा कर लिया है। इसके अलावा, लोगों ने घर बनाने के लिए जमीन दान करना भी शुरू कर दिया। शुरू में, हम उन परिवारों के लिए घर बना रहे थे जिनके पास जमीन है। अब, ऐसे लोग हैं जो घरों के निर्माण के लिए जमीन दान कर रहे हैं।