नई दिल्ली । विराट कोहली इन दिनों सबसे अधिक चर्चा में हैं।वजह बीसीसीआई ने वनडे टीम की कप्तानी छीन ली है।इसके बाद कोहली और बोर्ड के बीच बयानबाजी हुई।लेकिन बात टीम के प्रदर्शन की हो रही है। पिछले साल आज ही के दिन टीम इंडिया ने एक खराब रिकॉर्ड अपने नाम किया था। एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में टीम सिर्फ 36 रन बनाकर आउट हो गई थी।यह टेस्ट इतिहास का टीम का सबसे कम स्कोर था।लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि मैच में कप्तानी कोहली ही कर रहे थे।
डे-नाइट टेस्ट में विराट कोहली ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया।टीम ने पहली पारी में 244 रन बनाए। कप्तान कोहली ने सबसे अधिक 74 रन बनाए थे।चेतेश्वर पुजारा ने 43 और अजिंक्य रहाणे ने 42 रनों का योगदान दिया था। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 191 रन पर सिमट गई।टिम पैन ने 73 रन बनाए।ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने सबसे अधिक 4 विकेट झटके थे। उमेश यादव को 3, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट झटके। इस तरह से टीम इंडिया पहली पारी में बढ़त हासिल करने में सफल रही।
मैच के तीसरे दिन 19 दिसंबर को टीम इंडिया दूसरी पारी में बुरी तरह लड़खड़ा गई।कोई खिलाड़ी दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका।अतिरिक्त के रूप में एक भी रन नहीं मिले। टेस्ट इतिहास यह पहला वाकया था कि जब 11 बल्लेबाज और अतिरिक्त रन में से कोई भी दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका। मयंक अग्रवाल ने सबसे अधिक 9 रन बनाए थे। तीन खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए, कप्तान कोहली सिर्फ 4 रन बना सके। जोस हेजलवुड ने 5 और पैट कमिंस ने 4 विकेट लिए।इस तरह से ऑस्ट्रेलिया को 90 रन का लक्ष्य मिला।इस ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया।इस तरह से मेजबान टीम ने मैच 8 विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।हालांकि 4 मैचों की सीरीज पर टीम इंडिया ने 2-1 से जीत हासिल की थी। इस मैच से पहले भारतीय टीम का टेस्ट में सबसे कम स्कोर 42 रन का था।यह टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में बनाया था।