कोरबा कोरबा शहर के सीएसईबी पूर्व के फुटबॉल मैदान में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के खिलाड़ी भी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। गरीबी और तमाम तरह के अभावों में और नक्सली भय के वातावरण के बीच से ऐसी प्रतिभाएं उभरी हैं जो नि:संदेह काबिले तारीफ है। बस्तर संभाग के आदिवासी अंचल से आयी प्रतिभागी बालिका कु. उर्मिला पोट्टई ने 14 वर्ष के नीचे आयु वर्ग में रजत पदक जीतकर अपने क्षेत्र का नाम रौशन किया है।
अत्यंत ही ग़रीब परिवार से आने वाली यह आदिवासी बालिका नारायणपुर से 10 किलोमीटर दूर जंगल में रहती है। माता- पिता, दो बहन एवं एक भाई के साथ रहने वाली उर्मिला जंगल जाकर लकड़ी, पत्ता, कंदमूल, चार, महुआ जमा कर बाजार में बेचकर परिवार के जीवन यापन में मदद करती हैं। वर्तमान में वह छात्रावास में रह कर पढ़ाई कर रही है। एक बहन 12वीं में और भाई 5वी कक्षा में छात्रावास में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। मंझली बहन ग़रीबी के कारण घर में रह कर माता-पिता के साथ जंगली उत्पादों का संग्रहण में हाथ बंटाती है। मुख्य रूप से इनका भोजन चावल है। ये चावल के साथ कंदमूल भाजी, चटनी, खाकर जीवन यापन करते आ रहे हैं। पौष्टिक भोजन भी इन्हें भरपूर तरीके से नहीं मिल पाता है लेकिन इसके बाद भी शारीरिक तौर पर मज़बूत इस आदिवासी लड़की उर्मिला ने बिना किसी विशेष प्रशिक्षण सुविधा के ही अपने खेल में रजत पदक प्राप्त किया है।
इनके कोच बलराम पुरी ने जब उर्मिला की क्षमता को देखा उसे किक बॉक्सिंग के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके पास खाने को पौष्टिक आहार नहीं, पहनने को अच्छे कपड़े नहीं थे, उसे छात्रावास में रखकर खेल प्रतिभा को निखार कर इस मुकाम तक पहुंचा दिया। अपनी चुस्ती-फुर्ती एवं नैसर्गिक शारीरिक क्षमता से और आगे बढ़ने की भरपूर संभावना उर्मिला में है। कोच बलराम बताते हैं इनके पास ऐसे ही 50 आदिवासी बालक-बालिकाएं हैं। कुछ तो अबूझमाड़ के जंगल के आदिवासी बच्चे भी हैं। सभी को वे प्रशिक्षण दे रहे हैं। सुविधा ना होने के बाद भी यह बच्चे खेलते हैं और पसीना बहाते हैं, खूब मेहनत करते हैं। इनके पास ना तो खेलने वाला मेट है ना ही आवश्यक खेल सामग्री फिर भी पूरे उत्साह, लगन और भरपूर मेहनत कर ये लोग खेल का अभ्यास करते हैं। उचित सुविधा के साथ ही खिलाड़ियों के लिए आवश्यक पौष्टिक आहार मिलने से ये बच्चे निश्चित ही अपने-अपने खेल क्षेत्र में राज्य एवं देश का नाम ऊंचा उठाएंगे।