नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में चीन के साथ देश के संबंध सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर छिड़ गई थी और अब यह खुलासा हुआ है कि हालात इतने बिगड़ गए थे कि अमेरिकी सेना के प्रमुख ने युद्ध छिड़ने के डर से अपने चीनी समकक्ष को दो बार गुप्त कॉल तक किया था। वॉशिंगटन पोस्ट की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि टॉप यूएस जनरल को यह डर था कि चुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए ट्रंप कहीं चीन के साथ युद्ध न छेड़ दें। रिपोर्ट के मुताबिक, जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन यूएस जनरल मार्क मिली ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल ली झुओचेंग को अमेरिकी चुनाव से चार दिन पहले यानी 30 अक्टूबर 2020 और फिर 8 जनवरी को कॉल किया था यानी तब जब ट्रंप के समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर हमला बोल दिया था। कॉल के दौरान मिली ने ली को यह आश्वासन दिया था कि अमेरिका स्थिर है और वह चीन पर किसी भी तरह का हमला नहीं करने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई हमला होगा तो वह अपने समकक्ष को समय रहते अलर्ट कर देंगे। यह रिपोर्ट 'पेरिल' नाम की नई किताब के आधार पर है जिसे पत्रकार बॉब वुडवॉर्ड और रॉबर्ट कोस्टा ने लिखा है। दोनों पत्रकारों ने दावा किया है कि उन्होंने 200 सूत्रों से बातचीत के बाद यह किताब लिखी है। किताब अगले हफ्ते लॉन्च होने वाली है। हालांकि, ट्रंप ने एक बयान में कहानी पर संदेह जताते हुए इसे मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर यह कहानी सच है तो जनरल मिली पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। ट्रंप ने यह भी कहा है कि उन्होंने कभी चीन पर हमला करने के बारे में नहीं सोचा था। जनरल मिली के दफ्तर ने इस पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। वहीं, रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रूबियो ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मांग की है कि वे तुरंत जनरल मिली को पद से हटाएं।