नई दिल्ली: क्रिेकेट का खेल सिर्फ बैट और बल्ले से नहीं खेला जाता बल्कि इसमें साइंस भी जुड़ा होता है। आउट, नॉटआउट का फैसला अब पूरी तरह अंपायर के पास न होकर साइंटिफिक तरीकों से भी होता है, जिसमें डीआरएस जैसी टेक्निक शामिल है। इसी को लेकर भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज में भी बवाल देखने को मिल रहा है। इंग्लैंड को राजकोट टेस्ट में 434 रन की रिकॉर्ड हार मिली तो विपक्षी कप्तान बेन स्टोक्स ने इशारों ही इशारों में इसके पीछे अंपायर्स कॉल का हाथ बता दिया। दूसरी पारी में इंग्लैंड के ओपनर जैक क्राउली के जसप्रीत बुमराह की गेंद पर LBW आउट होने के फैसले पर नाराज दिखे। स्टोक्स और हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने मैच के बाद अंपायर के डीआरएस फैसले के बारे में मैच रैफरी जेफ क्रो से भी बात की। वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी या कप्तान ने जब अंपायर्स कॉल को लेकर कप्तानों ने नारागी जाहिर की है।
विराट ने जताई थी नाराजगी
साल 2021 में इंग्लैंड के दौरे पर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी अंपायर्स कॉल को लेकर नाराजगी जताई थी और अपनी टीम के खिलाफ गए फैसले को गलत बताया था। तब भी इस तकनीक को लेकर बड़ी बहस छिड़ी थी। तब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने तकनीक का समर्थन करते हुए समझाया था कि जब डीआरएस में बॉल विकेट को हिट करता दिखाया जाता है तो यह विकेट को हिट नहीं कर रहा होता है। वह सिर्फ एक अनुमान होता है। इसलिए इसमें संदेह का लाभ बल्लेबाज को मिलना चाहिए। लेकिन अब राजकोट टेस्ट के बाद उन्होंने कहा कि यदि गेंद विकेट को हिट कर रही है तो वह हिट कर ही रही है। इसमें दो राय नहीं होनी चाहिए।
महान सचिन भी नहीं संतुष्ट
सचिन ने अपने एक वीडियो में कहा था, मैं डीआरएस के रूल से संतुष्ट नहीं हूं। एक बार जब मामला तीसरे अंपायर के पास पहुंच जाता है तो फिर मैदानी अंपायर के फैसले का कोई मतलब नहीं होना चाहिए। जब आप बोल्ड होते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि गेंद स्टंप को 10 पर्सेंट हिट कर रही है या 15 या फिर 70 पर्सेंट। चाहे गेंद सिर्फ बेल को छूते हुए क्यों ना निकली हो और अंपायर ने उसे नॉट आउट दिया है तो थर्ड अंपायर को उस फैसले को बदल देना चाहिए। यह उलझन पैदा करने वाला है और गेंदबाजों के साथ न्यायपूर्ण भी नहीं है।
मिस्बाह भी फैसले से खफा थे
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने 2023 विश्व कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तान की हार के बाद अंपायर्स कॉल पर जमकर निशाना साधा था। पाकिस्तान के लिए जीत जरूरी थी, हारिस राउफ ने तबरेज शम्सी को फंसाया और एलबीडब्ल्यू की अपील को ऑन-फील्ड अंपायर ने खारिज कर दिया। पाकिस्तान ने डीआरएस लिया, लेकिन 'अंपायर्स कॉल' के आधार पर शम्सी बच गए और दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट से मैच जीत लिया। मैच के बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा था, 'अंपायर्स कॉल एक बड़ा मुद्दा है, जिसे सुलझाने की जरूरत है। अगर इससे पता चलता है कि यह आउट है और अंपायर ने इसे नॉट आउट दिया है, तो इसे आउट दिया जाना चाहिए। अगर आपको अंपायर के फैसले के साथ रहना है, तो फिर पॉइंट ही क्या है।'