मास्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस कानून पर हस्ताक्षर किए थे, जो उन्हें 2036 तक राष्ट्रपति पद की दौड़ में बने रहने की योग्यता देता है। इस कदम के जरिए पिछले साल संवैधानिक बदलाव के लिए हुए मतदान में प्राप्त समर्थन को औपचारिक रूप दिया गया था। पिछले साल एक जुलाई को हुए संवैधानिक मतदान में एक ऐसा प्रावधान भी शामिल था, जो पुतिन को दो और बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है।
राष्ट्रपति पुतिन द्वारा हस्ताक्षर किए गए संबंधित कानून की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई थी। दो दशकों से भी अधिक समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले 68 वर्षीय पुतिन ने कहा था कि वह 2024 में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस बारे में विचार करुंगा कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा मैदान में उतरना है या नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2024 के बाद रूस के राष्ट्रपति का कार्यकाल 6-6 साल का होगा। अगर पुतिन दोनों बार जीत हासिल करते हैं,तब वह अगले 15 साल तक राष्ट्रपति के पद पर बने रहने वाले है।
इसके बाद पुतिन सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले नेता बन जाएंगे।वह रूस पर शासन करने वाले जोसेफ स्टालिन और पीटर का रिकार्ड तोड़ देने वाले है। हाल ही में रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नावलनी की रिहाई को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे। नावलनी ने पुतिन पर गंभीर आरोप लगाए थे। वह उनके आलोचक भी माने जाते हैं। पुतिन पर लोगों ने विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया था। एक अन्य मामले में दर्जनों लोगों को एक कार्यक्रम से गिरफ्तार किया गया था, इनमें भी ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल थे।
गौरतलब है कि 1993 के संविधान के अनुसार कोई भी राष्ट्रपति लगातार दो कार्यकाल तक ही राष्ट्रपति का पदभार संभाल सकता है। इसके बाद 68 वर्षीय पुतिन को वर्ष 2024 में दूसरा कार्यकाल समाप्त होने पर राष्ट्रपति का कार्यभार छोड़ना पड़ता, लेकिन पिछले साल जनमत संग्रह में पुतिन द्वारा प्रस्तावित परिवर्तनों को 78 फीसद से अधिक वोटों से जनता द्वारा अनुमोदित किया गया और संशोधित प्रस्ताव को गत वर्ष मार्च के अंत में स्टेट ड्यूमा (निचले सदन) से पारित किया गया। जिसके बाद अब राष्ट्रपति पुतिन 2036 तक यानी 86 वर्ष की उम्र तक राष्ट्रपति के पद पर बने रहेंगे।