ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू:इब्राहिम रईसी की हवाई हादसे में मौत के बाद हो रहा चुनाव, रेस में 4 उम्मीदवार

Updated on 28-06-2024 02:46 PM

ईरान में आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। देश भर में 58,000 से अधिक पोलिंग बूथ पर सुबह 8 बजे वोटिंग शुरू हो गई है।

चुनाव में 6 करोड़ से अधिक वोटर हैं जो पिछले महीने इब्राहिम रईसी की विमान हादसे में हुई मौत के बाद नए राष्ट्रपति का फैसला करेंगे।

राष्ट्रपति चुनाव में 6 प्रत्याशी रेस में थे मगर वोटिंग से कुछ घंटे पहले 2 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया।

ईरानी मीडिया के मुताबिक रूढ़िवादी नेता नहीं चाहते कि कट्टरपंथी नेताओं का वोट बंटे जिससे उदारवादी नेताओं को फायदा हो।

एकजुटता दिखा रहे रिवॉल्यूशनरी फोर्स के नेता
बुधवार रात को उपराष्ट्रपति आमिर हुसैन काजीजादेह हाशमी ने अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि रिवॉल्यूशनरी फोर्स की एकता बनाए रखने के लिए उन्होंने ये कदम उठाया है।

काजीजादेह हाशमी ने उम्मीद जताई कि रेस में शामिल अन्य उम्मीदवार, मोहम्मद बाकर कालीबाफ, सईद जलीली और अली रजा जकानी रिवॉल्यूशनरी फोर्स को मजबूत करने के लिए चुनाव से पहले आम सहमति पर पहुंच जाएंगे।

तेहरान के मेयर भी पीछे हटे
उपराष्ट्रपति काजीजादेह हाशमी की अपील के कुछ घंटे बाद तेहरान के मेयर अली रजा जकानी ने पीछे हटने का फैसला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी घोषणा की।

जकानी 2021 में भी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की दावेदारी मजबूत करने के लिए पीछे हट गए थे। जकानी ने रेस में शामिल अन्य दो कट्टरपंथी उम्मीदवारों से एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है।

राष्ट्रपति पद की रेस में अब चार उम्मीदवार हैं जिनमें से 2 रिवोल्यूशनरी फोर्स से जुड़े नहीं हैं। दो प्रमुख लोगों की दावेदारी छोड़ने के बाद संभव है कि सईद जलीली और कालीबाफ में से कोई एक ही आखिरी रेस में बचे।

7 महिलाओं ने भी किया था आवेदन
चुनाव के नियमों के मुताबिक जो भी प्रत्याशी होते हैं उनके आवेदन को ईरान की गार्जियन काउंसिल देखती है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही कोई भी प्रत्याशी चुनाव में खड़ा हो सकता है।

इस बार के चुनाव में राष्ट्रपति बनने के लिए 80 लोगों ने आवेदन दिया था। हालांकि, गार्जियन काउंसिल ने सिर्फ 6 को चुनाव लड़ने के लायक पाया। पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को भी गार्जियन काउंसिल ने चुनाव लड़ने की मंजूरी नहीं दी।

तीन बार संसद के स्पीकर रह चुके अली लारीजानी ने भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उन्हें भी आखिरी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। 7 महिलाओं ने भी चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया, लेकिन मंजूरी नहीं मिली।

छाया हिजाब का मुद्दा
इस चुनाव में पहली बार ऐसा हो रहा है जब भ्रष्टाचार, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, प्रेस की आजादी, प्रतिभा पलायन रोकने जैसे नए मुद्दे छाए हुए हैं।

सबसे चौंकाने वाला चुनावी मुद्दा हिजाब कानून का है। 2022 में ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन और उसके बाद सरकार के द्वारा उसके दमन के चलते कई वोटर्स के जेहन में यह सबसे बड़ा मुद्दा रहा है।

हिजाब लंबे समय से धार्मिक पहचान का प्रतीक रहा है, लेकिन ईरान में यह एक राजनीतिक हथियार भी रहा है।

1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से ईरान में जब से हिजाब का कानून लागू हुआ था, तब से महिलाएं अलग-अलग तरह से इसका विरोध करती रही है।

ईरान के 6.1 करोड़ वोटर्स में से आधे से ज्यादा महिलाएं हैं। राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल मोहम्मद बाकर कालिबाफ ने बीते दिनों कहा था कि हिजाब कानून पर नई दिशा में काम करने की जरुरत है। दिलचस्प बात ये है कि कालिबाफ की छवि कट्टरपंथी नेता की है।

अंतिम 4 बचे उम्मीदवार

सईद जलीली
सईद जलीली राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के पूर्व सचिव रहे चुके हैं। पश्चिमी देशों और ईरान के बीच जो परमाणु हथियारों पर बातचीत हुई थी वो उसके वार्ताकार रहे हैं। परमाणु हथियार को लेकर उनका आक्रामक रुख रहा है। वे कट्टरपंथी खेमे के माने जाते हैं और अयातोल्ला खामेनई के काफी करीबी हैं। राष्ट्रपति पद के लिए इतना दावा बेहद मजबूत है।

मोहम्मद बाकर कालीबाफ
मोहम्मद बाकर कालीबाफ संसद के मौजूदा स्पीकर हैं। वे तेहरान के मेयर और शक्तिशाली रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख भी रह चुके हैं। वो ईरानी पुलिस के प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। खुद को व्यावहारिक सियासी शख्सियत के तौर पर देखा जाना पसंद करते हैं।

मुस्तफा पोरमोहम्मदी
मुस्तफा पोरमोहम्मदी पूर्व कानून और गृह मंत्री हैं। वे भी कट्टरपंथी नेता के तौर पर जाने जाते हैं, मगर वे हिजाब कानून के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि हमें ईरानी महिलाओं के साथ इतनी क्रूरता के साथ पेश नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बनते हैं तो हिजाब कानून को खत्म कर देंगे।

मसूद पजशकियानरेस
तबरेज से सांसद मसूद पजशकियानरेस की पहचान सबसे उदारवादी नेता के रूप में रही है। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी का करीबी माना जाता है। डिबेट में ये कई बार हिजाब का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि किसी को भी मोरल पुलिसिंग का हक नहीं है।

ईरान में चुनाव से जुड़े नियम

  • 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी शख्स नेशनल आईडी कार्ड दिखाकर वोट दे सकता है।
  • देश भर में 58,640 बूथ पर चुनाव बैलेट बॉक्स के जरिए वोटिंग हो रही है।
  • वोटिंग बूथ स्कूल, मस्जिद और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर बने हैं।
  • राष्ट्रपति चुनाव 40 से 75 साल के बीच के व्यक्ति ही लड़ सकते हैं।
  • अगर चुनाव में किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी मत नहीं मिलता है तो सबसे अधिक वोट हासिल करने वाले दो प्रमुख उम्मीदवारों के बीच दोबारा 5 जुलाई को चुनाव कराए जाएंगे।
  • चुनावी नतीजे के बाद ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खामेनई नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से पहले इसके नतीजों को मंजूरी देंगे।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 21 September 2024
बेरूत: इजरायल ने लेबनान में एक एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर समेत हिजबुल्लाह के 10 लड़ाकों को ढेर कर दिया है। जिस इमारत पर हमला हुआ, लेबनान के आंतरिक…
 21 September 2024
वॉशिंगटन: अमेरिका में भारतीय दूतावास के परिसर में एक अधिकारी का शव मिला है। रहस्यमय परिस्थितियों में अधिकारी की मौत से हड़कप मच गया है। शुक्रवार को एक बयान में अधिकारी…
 21 September 2024
 बेरूत। इसी सप्ताह लेबनान में हजारों पेजर और रेडियो सेट में विस्फोट के बाद इजरायल और हिजबुल्ला भिड़ गए हैं। शुक्रवार को दिनदहाड़े इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर हवाई…
 21 September 2024
बीजिंग।  चीन के एक जू से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। यहां पर लोग जिसे पांडा समझकर उत्सुकता के साथ देख रहे थे। वह असल में डॉग…
 21 September 2024
तेल अवीव: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहा संघर्ष युद्ध में बदल सकता है। अमेरिकी अधिकारी इसे लेकर अनुमान लगा रहे हैं। उनका मानना है कि इजरायल और हिजबुल्लाह के…
 20 September 2024
हरारे: अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में अधिकारियों ने अपने भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए हाथियों को काटने का फैसला लिया है। वन्य अफसरों ने 200 हाथियों को काटकर उनका…
 20 September 2024
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का कहना है कि दक्षिण एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र कठिन समय से गुजर रहा है। चीन को लेकर उन्होंने कहा कि श्रीलंका-चीन के संबंध…
 20 September 2024
बीजिंग: न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे सूर्य को शक्ति मिलती है। लंबे समय से 'नकली सूर्य' को क्लीन एनर्जी के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जाता रहा…
 20 September 2024
रियाद: सऊदी अरब में तीन विमानों ने सड़क के रास्ते से करीब एक हजार किमी का सफर किया है। ट्रकों पर लदे ये विमान जब शहरों के बीच से गुजरे…
Advt.