नई दिल्ली: भारतीय तीरंदाज राकेश कुमार ने शीतल देवी के साथ मिलकर सोमवार को पेरिस पैरालंपिक में कमाल कर दिया। राकेश ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ब्रॉन्ज मेडल के मैच में राकेश और उनकी जोड़ी ने मिलकर इटली के मातेओ बोनासिना और एलेओनोरा सारती को 156-155 से हराकर इतिहास रचा। भारत के लिए पैरालंपिक में तीरंदाजी का पदक इससे पहले सिर्फ हरविंदर सिंह ने तीन तोक्यो में ब्रॉन्ज जीता था। ऐसे में हर कोई अब यह जानना है चाहता है कि आखिर कौन हैं राकेश कुमार जिन्होंने शीतल देवी के साथ मिलकर पेरिस में ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना लगाया है।
राकेश कुमार जम्मू-कश्मीर के कटरा जिले के रहने वाले हैं। राकेश एक कंपाउंड ओपन पैरा-आर्चर हैं। राकेश का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ। उनके पिता एक बढ़ई का काम करते हैं जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। साल 2010 में एक दुर्घटना में उनके दोनों पैर बेकार हो गए जिसके बाद से वे व्हीलचेयर पर हैं। सड़क हादसे के बाद राकेश जीवन की गंभीरता से गुजर रहे थे और जीवन जीने के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना किया। ऐसे समय ऐसा भी आया जब वह आत्महत्या करने का विचार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और आर्चरी पर ध्यान लगाया और आज वे देश के शीर्ष पैरा एथलीटों में से एक हैं।
कोच कुलदीप यादव ने राकेश के प्रतिभा को पहचाना और उन्हें ट्रेनिंग दी। 2017 में जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक तीरंदाजी केंद्र स्थापित किया गया था तब उस समय कुलदीप कुमार राकेश को आर्चरी के बारे में बताया। इसके बाद तो फिर राकेश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि, आर्चरी में करियर बनाना उनके लिए आसान नहीं था। आर्थिक तंगी के कारण वह काफी परेशान थे, तब माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा मदद की गई। उन्हें मासिक भत्ता दिया गया जिसके बाद वह आर्चरी पर फोकस कर पाए।
राकेश कुमार की उपलब्धियां
राकेश कुमार पेरिस पैरालंपिक से पहले कई बड़े में इवेंट में अपनी निशानेबाजी का लोहा मनवाया था। राकेश ने एशियन पैरा गेम्स 2022 में मिक्स्ड टीम में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि सिंगल्स में और मेंस टीम में राकेश ने सिल्वर पर निशाना साधा था। वहीं वर्ल्ड आर्चरी पैरा चैंपियनशिप 2023 में राकेश ने मिक्स्ड टीम में फिर गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा एशियन पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में 2023 में राकेश ने सिगल्स और मिक्स्ड टीम में गोल्ड अपने नाम किए थे।