कोरबा केंद्र और राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग से कोरबा में तैयार होने वाले मेडिकल कॉलेज का प्राथमिक काम शुरू हो गया है। कॉलेज प्रबंधन ने नए भवन के लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत बताई है। इस बारे में प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। मेडिकल कमीशन के अगले निरीक्षण से पहले मौजूदा परिसर उपकरण और अन्य व्यवस्था पूरी करने का भरोसा प्रबंधन ने जताया है।
चिकित्सा शिक्षा के मामले में कोरबा नई छलांग लगाने की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को पिछले वर्ष भारत सरकार ने स्वीकार किया था और इसके अंतर्गत कोरबा में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी थी। उसके बाद से आगे की प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज कोरबा के डीन डॉ. योगेश दत्त बढ़गैया ने बताया कि फिलहाल मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है जो पर्याप्त नहीं है।
हमें 100 एकड़ जमीन की जरूरत है ताकि आगामी वर्षों में मेडिकल कॉलेज का विस्तार किया जा सके। जिस स्थान पर 25 एकड़ जमीन दी गई है उसके नजदीक में ही पर्याप्त सरकारी जमीन खाली है और इसे उपलब्ध कराने के लिए हमने प्रशासन को कहां है। बताया गया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रारंभिक कामकाज शुरू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने 60 फ़ीसदी धनराशि उपलब्ध कराई हैं। 40 प्रतिशत वित्तीय सहयोग राज्य सरकार की ओर से होना है।
डीन डॉ. योगेश दत्त बढ़गैया ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से संबंधित व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। फर्नीचर और उपकरणों की खरीदी के साथ स्थापना की दिशा में हम बढ़ रहे हैं। उम्मीद है कि अगले निरीक्षण से पहले सभी व्यवस्था पूरी हो जाएगी। बीते वर्षो में कोरबा में शासकीय पॉलिटेक्निक, टेक्निकल इंस्टीट्यूट के अलावा अन्य संस्थान की स्थापना सरकार के द्वारा की गई है। इसी के साथ भारत सरकार ने कोरबा पश्चिम क्षेत्र में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना भी की है। इसके माध्यम से कोरबा क्षेत्र और छत्तीसगढ़ के युवाओं को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिलता रहा है। आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज के गतिशील होने से इस इलाके के छात्रों के अलावा दूरदराज की प्रतिभाओं को चिकित्सा शिक्षा के लिए एक अच्छी जगह उपलब्ध हो सकेगी।