भोपाल । मप्र में कोरोना ने दोगुनी रफ्तार पकड़ ली है। 24 घंटे में 100 प्रतिशत केस की बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटे में 1033 नए केस मिले हैं। 48 घंटे पहले 594 केस मिले थे। अब कोरोना प्रदेश के 42 जिलों में पहुंच गया है। इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां पर कोरोना का महाविस्फोट हुआ है। रिकॉर्ड 512 संक्रमित इंदौर के ही हैं। प्रदेश में एक्टिव संक्रमितों की संख्या 2475 हो गई है।
प्रदेश के मंत्री, कलेक्टर-एसपी समेत भोपाल के सीनियर आईएएस, एम्स और आइशर हेल्थ सेंटर के डॉक्टर भी पॉजिटिव हो चुके हैं। इंदौर के बाद राजधानी भोपाल में भी कोरोना ब्लास्ट हुआ है। यहां पर 192 संक्रमित मिले हैं। हालांकि, प्रशासन की रिपोर्ट में 162 पॉजिटिव हैं। शिवपुरी में एसपी राजेश चंदेल भी पॉजिटिव हो गए हैं। ग्वालियर में 24 घंटे के भीतर 97 केस सामने आए हैं।
2 हजार टेस्ट ही बढ़े
4 जनवरी को प्रदेश में लगभग 70 हजार कोरोना टेस्ट हुए थे। इनमें से 594 लोग संक्रमित मिले थे और 78 मरीज ठीक हुए थे। कोरोना पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत था। एक्टिव केस की संख्या 1544 थी। 5 जनवरी को सिर्फ 2 हजार टेस्ट ही बढ़े। 72 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए। इनमें 1033 नए केस सामने आए। वहीं, 102 मरीज ठीक होकर लौटे। एक्टिव केस भी बढ़कर 2475 पहुंच गए हैं। प्रदेश में अब तक 7 लाख 96 हजार 389 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 7 लाख 83 हजार 379 लोग ठीक हो गए।
इंदौर में संक्रमण दर की रॉकेट सी रफ्तार
इंदौर में कोरोना अनकंट्रोल हो चुका है। 512 नए मरीज आए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 1270 हो गई है। संक्रमण दर बढ़कर 5.43 प्रतिशत हो गई है। यह मंगलवार तक 3.91 प्रतिशत थी। महामारी पर कंट्रोल के लिए संक्रमण दर का 1त्न से कम होना जरूरी है। जनवरी के 5 दिन में ही मरीजों में 600 प्रतिशत का उछाल है। लगातार बढ़ रहे केस को देखते हुए शहर में रैपिड रिस्पॉन्स टीम में भी बढ़ाकर 38 कर दी गई हैं। 4 टीम का और इजाफा हुआ है। मध्यप्रदेश के कुल एक्टिव केस में से आधे इंदौर के है। यहां पर 1270 मामले एक्टिव है। भोपाल में एक्टिव केस 400 के करीब पहुंच चुके हैं। जिनमें से सिर्फ 21 संक्रमित ही हॉस्पिटल में भर्ती है। बाकी होम आईसोलेट है।
सिर्फ 10 जिले बचे, जहां एक भी पॉजिटिव नहीं
प्रदेश के 52 जिलों में से 42 में एक्टिव केस हैं। सिर्फ आगर मालवा, डिंडौरी, हरदा, कटनी, मंडला, निवाड़ी, पन्ना, सिवनी, सीधी और टीकमगढ़ ऐसे जिले हैं, जहां एक भी केस नहीं हैं।