भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (IAP) के पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी चैप्टर का जम्मू में 22 से 24 नवंबर के बीच राष्ट्रीय सम्मेलन (PHOCON 2024) आयोजित किया गया। जिसमें भोपाल एम्स के शिशु रोग विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र चौधरी और रेजिडेंट्स शामिल हुए। इस दौरान डॉ. चौधरी ने डब्ल्यूएचओ के संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण के दिशा-निर्देशों को भारत और अन्य देशों में लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर आधारित सर्वेक्षणों पर चर्चा की। उन्होंने अस्पताल से जुड़े संक्रमण (HAI) पर प्रकाश डाला, जो कैंसर से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बड़ी बाधा है। कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी दवाएं इस्तेमाल की जाती है। इनके साइड इफेक्ट हैं, इससे बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि संक्रमण के शुरुआती लक्षणों के पहले घंटे में एंटी बायोटिक्स देना जीवन बचाने के लिए बेहद जरूरी है। डब्ल्यूएचओ के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण गाइडलाइंस को प्रभावी रूप से लागू करने से अस्पताल से जुड़े संक्रमण 50 प्रतिशत तक कम किए जा सकते हैं। इससे संक्रमण से होने वाली 4 में से 3 मौतों को रोका जा सकता है।
डॉ. नरेंद्र चौधरी और रेजिडेंट्स को बधाई
एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय ने कहा कि मैं डॉ.नरेंद्र चौधरी और रेजिडेंट्स को पीएचओकॉन 2024 में उनकी भागीदारी के लिए बधाई देता हूं। उनका काम न केवल एम्स भोपाल की पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी देखभाल को देने के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डॉक्टरों ने प्रस्तुत किए पोस्टर
सम्मेलन में रेजिडेंट डॉक्टर पक्कीरेश रेड्डी, डॉ. शिशिर, डॉ. श्रीप्रदा, और डॉ. अरुण ने पोस्टर प्रस्तुत किए।