भोपाल । बीते चौबीस घंटे के दौरान 1577 कोरोना वायरस संक्रमित मरीज मिले। इस तरह प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 5000 से ज्यादा हो चुकी है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश के 39 जिलों में कोरोना के 1577 मरीज मिले हैं। कुल 74 हजार सैंपलों की जांच में इतने मरीज मिले हैं। इस दौरान 166 मरीज कोरोना संक्रमण स उबरने में कामयाब रहे हैं।
प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 5044 हो गई है। राहत की बात यह है कि इनमें से सिर्फ 253 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। बाकी होम आइसोलेशन में रहत हुए इलाज ले रहे हैं। उधर राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार फैलता जा रहा है। शुक्रवार को भोपाल में कोरोना के 347 मरीज मिले हैं। कुल 6623 सैंपल की जांच में इतने मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही भोपाल में सक्रिय मरीजों की संख्या 962 हो गई है। अच्छी बात यह है कि इनमें 27 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं।
बाकी होम आइसोलेशन में हैं। कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 40 फीसद तक रहती थी। भोपाल में अब तक कोरोना की 124985 मरीज मिले हैं। शनिवार को यह आंकड़ा सवा लाख को पार कर सकता है। शुक्रवार को मिले मरीजों में सबसे अधिक 170 मरीज कोलार एसडीएम क्षेत्र के हैं। दूसरे नंबर पर गोविंदपुरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मरीज है। कोलार में ज्यादा मरीज होने की वजह यह है कि यह क्षेत्र काफी बड़ा है। नए मिलने वाले संक्रमितों में बच्चों की संख्या भी ज्यादा है।
शुक्रवार को मिले मरीजों में 18 साल से कम उम्र वाले 28 लोग हैं। आठ डॉक्टर भी संक्रमित मिले हैं। इनमें चार गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के और बाकी चार स्वास्थ्य विभाग के हैं। शुक्रवार को भी गांधी मेडिकल कालेज भोपाल के पांच चिकित्सक पॉजिटिव आए थे। भोपाल में जितने मरीज मिल रहे हैं, उनमें 90 फीसद की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। विदेश से आई एक महिला भी शुक्रवार को पॉजिटिव आई है।
भोपाल में विदेश से आए 22 मरीज अब तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 6 दिसंबर को पहला मरीज पॉजिटिव आया था। एक महीना हो चुका है, लेकिन इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट नहीं आ पाई है। इस कारण यह पता नहीं चल पा रहा है कि भोपाल में तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ने की वजह ओमिक्रोन वैरिएंट है या कोई और। भोपाल ही नहीं पूरे प्रदेश से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट दिसंबर की नहीं आई है।