बिलासपुर जिले में डायरिया से 2 साल के मासूम की मौत हो गई। गुरुवार रात बच्चे की तबीयत अचानक खराब हो गई और उल्टी-दस्त के साथ तेज बुखार से उसकी हालत गंभीर हो गई। शुक्रवार को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जिले में डायरिया से यह दूसरी मौत है। जबकि, मलेरिया से अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है।
ऐसे में डायरिया और मलेरिया के लिए जिला हॉट स्पॉट बना हुआ है। इधर, कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने शुक्रवार को डायरिया और मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। स्वास्थ्य विभाग के साथ दूसरे विभाग के कर्मचारियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
रतनपुर के बाद अब मस्तूरी के मल्हार चौकी के ग्राम बूढ़ीखार में भी डायरिया फैल गया है। ग्राम बूढ़ीखार निवासी राजकुमार कैवर्त्य के तीनों बच्चे गुरुवार से एक के बाद एक बीमार पड़ने लगे। उन्हें बुखार आने के साथ उल्टी होने लगी। इस दौरान उनके दो साल के बच्चे वीर कैवर्त्य की हालत कुछ ज्यादा बिगड़ने लगी।
उसे लगातार उल्टी होने और तेज बुखार की वजह से हालत खराब होने लगी। जैसे-तैसे रात काटने के बाद सुबह पांच बजे के आसपास बच्चे को मल्हार स्थित हॉस्पिटल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद हालत खराब होने की जानकारी देते हुए तत्काल मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बात कही। इसके बाद स्वजन उसे लेकर सुबह आठ बजे मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर, 10 मरीज मिले
बच्चे की मौत होने की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई। इस दौरान कैंप लगाकर जांच और घर-घर सर्वे किया गया। जिससे एक के बाद एक गांव में डायरिया के 10 मरीज मिले। विभागीय टीम ने पीड़ितों को जरूरी दवाइयां देने के साथ ही बीमारी से सावधान रहने की सलाह दी है।
बारिश में कुएं का पानी पी रहे लोग
बूढ़ीखार के वार्ड क्रमांक-7 केंवट मोहल्ला में ही डायरिया फैला है। यहां पर पेयजल के लिए एक भी हैंडपंप नहीं है। ग्रामीण पास में स्थिति एक खुले कुएं का पानी पीते हैं। इसके आसपास गंदगी भी रहती है। आशंका है कि कुएं में पानी के दूषित होने के कारण गांव में डायरिया फैला है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुएं के पानी का सैंपल लिया और पानी साफ करने के लिए क्लोरीन टैबलेट का वितरण किया। साथ ही ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
रतनपुर में 16 तो बिल्हा में मिले 5 डायरिया पीड़ित
डायरिया के लिए रतनपुर अतिसंवेदनशील है, जहां रोज 15 से 20 नए मरीज मिल रहे हैं। शुक्रवार को यहां 16 डायरिया पीड़तों की पहचान की गई। अब तक यहां 800 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। तमाम कोशिश के बाद भी स्थिति काबू में नहीं है।
इसी तरह बिल्हा ब्लॉक में डायरिया के मरीज सामने आने लगे हैं। शुक्रवार को पांच नए मरीजों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिला प्रशासन की सक्रियता के बाद भी जिले में डायरिया नियंत्रण में नहीं है।
मलेरिया के 6 मरीज मिले
कोटा ब्लॉक के केंदा और कलमीटार में शुक्रवार को 6 मरीज मिले हैं। उनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मौके पर टीम तैनात है, जो लगातार मरीज खोजकर इलाज कर रही है। साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। यहां अब तक मलेरिया के 100 से अधिक मरीज मिल चुके हैं और 5 की मौत भी हो चुकी है।
डायरिया के अतिसंवेदनशील गांव
रतनपुर क्षेत्र में करीब 1 महीने से डायरिया का प्रकोप है। यहां रतनपुर के साथ ही नवागांव, सल्फा, गिरजावन, लखराम, मदनपुर समेत क्षेत्र के कई गांव से डायरिया का हॉट स्पॉट बना हुआ है। स्थिति यह है कि अभी भी यहां करीब 30 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। जबकि, 20 मरीजों को जिला अस्पताल और सिम्स रेफर किया गया है।
प्रभावित गांवों का निरीक्षण पर निकले कलेक्टर-एसपी
शुक्रवार को कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने रतनपुर और कोटा क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बेलगहना से दौरे की शुरुआत की और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां पंजीयन एवं औषधि कक्ष, ओपीडी, महिला वार्ड, पुरुष वार्ड सहित पूरे अस्पताल का मुआयना किया।
इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से मलेरिया के हालात की जानकारी ली। फिर मितानिनों से चर्चा कर सर्विलांस कार्य की जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मलेरिया के मरीज नहीं मिल रहे हैं, तब भी डोर टू डोर सर्वे का काम बंद नहीं होना चाहिए।
बिना सूचना के गायब डॉक्टर पर कार्रवाई की अनुशंसा
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को पता चला कि बेलगहना अस्पताल के डॉ. स्पर्श गुप्ता बिना सूचना के एक साल से गायब है। उन्होंने डॉक्टर गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य शासन से अनुशंसा की है। साथ ही विभाग को भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहना है। बीएमओ को निर्देश दिए कि अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए।
स्कूल में मध्यान्ह भोजन का चखा स्वाद
इस दौरान कलेक्टर और एसपी ने बेलगहना थाना का भी निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए। जिसके बाद उन्होंने कोनचरा के प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां बच्चों के लिए तैयार किए गए मध्यान्ह भोजन को चखकर गुणवत्ता परखी। पहली कक्षा और पांचवी कक्षा के बच्चों से पढ़ाई के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों को चॉकलेट बांटा। बच्चों को खूब मन लगाकर पढ़ने की सीख दी।
बाइक एम्बुलेंस शुरू करने दिए निर्देश
कलेक्टर ने मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरा करने के साथ ही केंदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल का जायजा लिया। अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों की जानकारी ली। बताया गया कि अस्पताल में लैब टेक्नीशियन नहीं है।
कलेक्टर ने जिला मलेरिया अधिकारी डॉ अनिल श्रीवास्तव को कल ही लैब टेक्नीशियन उपलब्ध कराने कहा। मितानिनों से चर्चा कर मलेरिया के मरीजों की पड़ताल के लिए डोर टू डोर सर्विलांस का काम नियमित रूप से करने कहा। यहां 108 और बाइक एम्बुलेंस की सर्विस शुरू करने के निर्देश दिए।