भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना काल में बसों का अप्रैल से जून 2021 तक का टैक्स माफ किए जाने की घोषणा के ढाई माह बाद भी शासन के वित्त विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी नहीं किया है, जिससे प्रदेश के 15 हजार बस संचालकों के 30 करोड़ रुपए अटके हुए हैं। ये वे बस संचालक हैं, जिन्होंने समय पर टैक्स की राशि का भुगतान कर दिया था और अब अपनी ही राशि समायोजित करवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।
राज्य शासन द्वारा कोरोना की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन लगाए जाने पर बसों का संचालन रोक दिया गया था। बस संचालकों की मांग पर शासन ने इस अवधि का यात्री बसों का टैक्स माफ किया था। अप्रैल से लगे दूसरे लॉकडाउन के दौरान शासन ने बसों का संचालन बंद नहीं किया, लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्री न मिलने से ज्यादातर बसें बंद ही रहीं। इस पर इस बार भी बस संचालकों ने शासन से टैक्स माफी की मांग की थी।
इस पर 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री चौहान ने यात्री बसों का अप्रैल 2021 से जून की तिमाही का टैक्स माफ करने की घोषणा की थी। परिवहन विभाग ने घोषणा के बाद इस अवधि के टैक्स को सिस्टम से हटा दिया है, लेकिन अब परेशान वे बस संचालक हो रहे हैं, जिन्होंने इस अवधि का टैक्स समय पर भर दिया था। प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश के करीब 15 हजार बस संचालकों ने इस दौरान अप्रैल माह का टैक्स जमा किया था।
कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने तीनों माह का टैक्स जमा किया है। उन्होंने बताया कि एक माह का औसत टैक्स 20 हजार रुपए होता है। इस तरह सिर्फ एक माह का टैक्स ही जोड़ें तो 30 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। नियमानुसार टैक्स माफी की घोषणा के बाद जिन लोगों ने इस अवधि का टैक्स जमा किया है, उन लोगों का टैक्स आगे के महीनों में समायोजित किया जाना चाहिए, लेकिन परिवहन विभाग ने अब तक ऐसा नहीं किया है।
परिवहन विभाग को वित्त विभाग के आदेश का इंतजार
शर्मा ने बताया कि इसे लेकर हमने हाल ही में परिवहन आयुक्त डॉ. मुकेश जैन से भी चर्चा की थी। इस पर आयुक्त ने बताया कि टैक्स के समायोजन का आदेश वित्त विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। अब तक यह आदेश मिला नहीं है, जिसके कारण परिवहन विभाग टैक्स का समायोजन नहीं कर पा रहा है। बस संचालकों ने कहा कि सीएम ढाई माह पहले इसकी घोषणा कर चुके हैं और टैक्स भरने वाले ईमानदार बस संचालक अब परेशान हो रहे हैं। इस पर आयुक्त ने कहा कि वे वित्त विभाग से चर्चा करेंगे। शर्मा ने बताया कि अगर जल्द यह समायोजन नहीं होता है तो बस संचालक परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि टैक्स की राशि जमा होने के बाद भी आगे के लिए हर बार बस संचालकों को राशि देना पड़ रही है।