त्योहारी सीजन में बढ़े धमकी भरे कॉल के मामले
पिछले कुछ दिनों में इन धमकियों का शिकार बनी किसी भी बड़ी एयरलाइन ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह त्योहारों की भीड़ का पीक सीजन है और हम यात्रियों के बीच डर पैदा नहीं करना चाहते हैं। इतना कहना पर्याप्त है कि यह एयरलाइंस के खिलाफ एक तरह का वित्तीय आतंकवाद है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
लगातार आ रही ऐसी शिकायतें
इंडिगो को भी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह की कई उड़ानों के लिए धमकियां मिली हैं। बहुत बार जब किसी उड़ान को धमकी का संदेश मिलता है और उसे डायवर्ट नहीं किया जाता। डेस्टिनेशन एयरपोर्ट उसे होल्ड करने या मंडराने के लिए कहता है। लंदन में एअर इंडिया, सिंगापुर में AI एक्सप्रेस और शायद दूसरों के साथ भी ऐसा हुआ है। एक पायलट ने बताया कि बोइंग 777 हर घंटे 7-8 टन ईंधन जलाता है और एक A320 2.5 टन। 1 लाख रुपये प्रति टन और दो घंटे के होवरिंग पर, अकेले ईंधन जलने की लागत सभी प्रभावित एयरलाइंस के लिए कई करोड़ से अधिक है।
धमकियों को नजरअंदाज भी नहीं कर सकते
एक बड़ी एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हवा में बिताए गए अतिरिक्त समय के कारण, बहुत बार वही क्रू मेंबर्स अगली उड़ान संचालित नहीं कर सकता है। वहीं ये फ्लाइट सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जांच के बाद क्लीयर होने पर ही उड़ान के लिए संचालित होगा। उन्हें आराम करने और उस शहर के होटल में रहने की सुविधा देने की आवश्यकता होगी। हालांकि यह हमारे नियंत्रण से परे एक अप्रत्याशित घटना है, लेकिन कई यात्री जो विमान में देरी होने पर अपने कनेक्शन मिस कर जाते हैं वे हमें अदालत में घसीटने की धमकी देते हैं। ऐसे में हमें अंततः हर्जाना देकर समझौता करना होता है।
कैसे लगे लगाम
इस मामले को और भी बदतर बनाने वाली बात यह है कि अकसर दो तरह की धमकियां दी जाती हैं। एक धमकी ऐसी होती है जिसमें किसी एक विशेष फ्लाइट संख्या का नाम दिया गया हो। दूसरा सामान्य तरीके से जैसे एअर इंडिया को गुरुवार को धमकी मिली। इसमें कहा गया कि पांच एआई फ्लाइट में बम हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जोखिम आकलन किया जाता है। खतरे का स्रोत देखा जाता है, चाहे वह एक्स (पूर्व ट्विटर), व्हाट्सऐप, कॉल या मेल के माध्यम से आया हो।
धमकी के बाद कैसे हरकत में आती हैं एयरलाइंस
इसका मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर, कोड तय किया जाता है। इसमें लाल (बहुत गंभीर), एम्बर (गंभीर) या हरा (फर्जी कॉल की सबसे अधिक संभावना)। हालांकि, किसी भी परिस्थिति में खतरे को खारिज नहीं किया जाता है क्योंकि सुरक्षित रहना बेहतर होता है। भले ही इसका मतलब नुकसान और यात्रियों की नाराजगी और माफी से हो।
एक पायलट ने बताया कि गंभीर स्थिति होने पर ऐसे मामलों में, उड़ान को निकटतम किसी उपयुक्त हवाई अड्डे पर उतरना होता है। अचानक लैंडिंग से बचने के लिए, हम 5,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर विमान को रखते समय ईंधन डंप कर सकते हैं। उस ऊंचाई से छोड़े गए ईंधन उड़ जाएंगे। दिल्ली में, हम राजधानी के दक्षिण में सकरास के पास और मुंबई में समुद्र के ऊपर डंप करते हैं।