पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 130 किमी दूर गुजरात बनासकांठा जिले में स्थित डीसा शहर में भारतीय वायुसेना का नया स्टेशन बनेगा। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने डिसा एयरबेस पर उपलब्ध रनवे का सर्वेक्षण किया, जिसे ओब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस सर्वे के रूप में जाना जाता है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस सर्वे का काम सिंगापुर की एक निजी कंपनी को सौंपा है। उसी के तहत सिंगापुर से डीए-62 प्रकार का एक छोटा विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचा।
इस तरह का विशेष प्रकार का सर्वे केवल विदेशी कंपनियां ही करती हैं, जिनमें पायलट भी काफी सक्षम होते हैं और उनके पास उड़ान का व्यापक अनुभव होता है। अब इस सर्वे की रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाएगी। जिसके जरिए पूरे एयरपोर्ट का नक्शा तैयार किया जाएगा।
4500 एकड़ में बनेगा एयरबेस, कांडला को सुरक्षा मिलेगी
एयरबेस की स्थापना के लिए 4,500 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। 1,000 करोड़ के निवेश की जरूरत होगी। रनवे 394 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
पूरा एयरफोर्स स्टेशन ग्रीन फील्ड कॉन्सेप्ट तकनीक पर आधारित होगा जो पर्यावरण के अनुकूल है। एयरफोर्स स्टेशन के निर्माण से अवसर पैदा होकर कच्छ और दक्षिण राजस्थान में आर्थिक समृद्धि आएगी।
डीसा एयरफील्ड की स्थापना से भारत को पश्चिमी सीमा पर जमीन और समुद्री संचालन के लिए भौगोलिक रूप से सुरक्षित लॉन्च पैड उपलब्ध होगा। अहमदाबाद, वडोदरा को हवाई सुरक्षा मिलेगी।
यह एयरफील्ड कांडला पोर्ट और जामनगर ऑयल रिफाइनरी के पूर्व में एयरबेस स्थापित करके भारत को अपने आर्थिक और ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उनकी सुरक्षा में वृद्धि होगी।
पाकिस्तान के मुकाबले भारतीय एयरफोर्स की क्षमता कई गुना बढ़ेगी
डीसा एयरफोर्स स्टेशन भुज एयरबेस और राजस्थान के उत्तरलाई एयरबेस के बीच की लंबी दूरी को कम कर देगा। डीसा एयरबेस के निर्माण से पाकिस्तान की मीरपुर खास और जैकोबाबाद की क्षमता के मुकाबले भारतीय एयरफोर्स की क्षमता कई गुना बढ़ेगी।
ओब्सटेकल लिमिटेशन सरफेस सर्वे क्या है?
ओएलएस सर्वेक्षण में व्यापक निगरानी, हवाई अड्डे के आसपास बाधाओं की पहचान करना शामिल है। इसके आधार पर सुरक्षित हवाई क्षेत्र का नक्शा तैयार किया जाता है। यह सर्वेक्षण प्रत्येक हवाई क्षेत्र के लिए आवश्यक है और हवाईअड्डा तकनीकी निरीक्षण का हिस्सा है।
प्रोजेक्ट को मंजूरी कब दी?
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने मार्च 2018 में डिसा में लड़ाकू बेस स्थापित करने की वायु सेना की योजना को मंजूरी दे दी। केंद्र ने 2020 में दिशा में एयर बेस स्थापित करने का निर्णय लिया था। डिफेंस एक्सपो 2022 में पीएम मोदी ने इस एयरबेस की आधारशिला रखी थी।