नारायणपुर। जनजातीय बाहुल्य और माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया गया है। इस आयोजन को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया, जिसमें सुदूर गांवों से आए युवा अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस पहल को जनजातीय संस्कृति और पारंपरिक खेलों के संरक्षण के साथ ही युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया है।
नारायणपुर जिले में जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक प्रतियोगिता का आयोजन 22 से 23 नवंबर तक किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन नारायणपुर के परेड ग्राउंड और खेल परिसर में किया गया, जिसमें जिले के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आज जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्री व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा शामिल हुए।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला स्तरीय ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों को 5 से 10 दिसंबर तक जगदलपुर में आयोजित होने वाले संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में जीतने के लिए उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि बस्तर के खिलाड़ियों में एक अद्भुत प्रतिभाएं हैं, जिसको निखारने के लिए यह बस्तर ओलंपिक के माध्यम से अच्छा अवसर मिला है, जिसे आप लोग अच्छे से प्रदर्शन कर खेल को आगे बढ़ाएं। बस्तर में प्रचुर मात्रा में जल जंगल जमीन है उसको संरक्षित कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए योगदान दें। अबूझमाड़ के पहुंचविहीन क्षेत्र में सड़क, पुल पुलिया, पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी, उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया जा रहा हैं, शीघ्र ही अबुझमाड़ मुख्य धारा से जुड़ने लगेगा। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने ओरछा और नारायणपुर में 50-50 लाख रूपये से निर्मित खेल मैदान बनाने की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक 2024 के जिला स्तरीय के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण किया। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेल भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए खेल में लक्ष्य निर्धारित कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रम करना आवश्यक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री साय की मंशानुरूप गांव के प्रतिभाओं को निखारने का अच्छा समय मिला है इस अवसर का फायदा उठाते हुए राज्य स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित कर खेल के क्षेत्र में आगे बढ़े। खिलाड़ियों को हमेशा खेल भावना के साथ खेलकर अपने अनुशासन का परिचय देना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र के बच्चों ने मलखम्भ खेलों का हुंनरबाज बनकर देश के कई शहरों में प्रदर्शन कर अपने अबूझमाड़ का नाम रोशन किया है। आयोजन में सहभागिता प्रदान करने वाले खिलाड़ियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता खिलाड़ी को पुरस्कार स्वरूप मोमेंटों, ट्राफी, प्रमाण पत्र और गणवेश भी प्रदाय किया गया। आयोजन में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों को समहभागित प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया।
कलेक्टर बिपिन मांझी ने अपने उदबोधन में कहा कि बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन ने क्षेत्र के युवाओं में विशेष जोश और उत्साह भर दिया है। मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिभावान युवा अपनी खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आयोजन में विभिन्न खेल विधाओं जैसे एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कराटे, तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल और रस्साकसी की प्रतिस्पर्धाएँ शामिल हैं। जिले के युवाओं ने इन खेलों में अपनी सक्रिय और उत्कृष्ट भागीदारी दर्ज कर आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बस्तर ओलंपिक 2024 क्षेत्र के युवाओं की ऊर्जा और सामर्थ्य को निखारने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को एक नई पहचान देने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
कार्यक्रम को रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी व्यापतानंद और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य प्रताप मंडावी, नगर पालिका परिषद के पार्षद जैकी कश्यप, पंडीराम मंडावी, नारायण मरकाम, गौतम गोलछा, नरेंद्र मेश्राम, संदीप झा, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वासु जैन, संयुक्त कलेक्टर अभिषेक गुप्ता, एसडीएम अभयजीत मंडावी, खेल अधिकारी डॉ. सुमित गर्ग सहित शिक्षक शिक्षिकाएं, जनप्रतिनिधि, पत्रकार व छात्र छात्राएं उपस्थित थे।