आतंकी पन्नू मे हाल ही में भारत को "बाल्कनाइज" करने की धमकी दी, जिसमें देश के टुकड़े-टुकड़े करने की साजिश का इशारा था। इससे पहले उसने खुलेआम वीडियो जारी करके एयर इंडिया का विमान उड़ाने की धमकी दी। पन्नू ने हमास की तरह भारत पर हमले की धमकी दी थी।
अमेरिका के पास 61 प्रत्यर्पण की रिक्वेस्ट पेंडिंग
अमेरिका के दोगलेपन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अभी तक 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण नहीं किया है। अमेरिका की अदालत ने आतंकी के प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी है, इसके बाद भी अभी तक उसे नहीं भेजा गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका के पास प्रत्यर्पण की 61 रिक्वेस्ट पेंडिंग है। भारत को दोस्त बताने वाला अमेरिका इन प्रत्यर्पण पर ऐक्शन नहीं ले रहा है। इसके बाद भी वो खुद को भारत का स्ट्रैटेजिक पार्टनर बताता है।
ऐसा नहीं है कि अमेरिका केवल कूटनीतिक या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में ही ये रवैया दिखाता हो। उसकी आदत भारत के आंतरिक मामलों में भी दखल देने की है। अमेरिका की हिपोक्रेसी देखिए, वो कहता है कि भारत में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं हैं अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं असहिष्णुता बढ़ गई हैं। लेकिन वो अपने गिरेबान में झांककर नहीं देखता। हाल ही में अमेरिका के प्रमुख विपक्षी नेता डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ, उन्हें गोली मारी गई। वहां आए दिन गोलीबारी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। आम आदमी तो छोड़िए वहां विपक्ष के नेता तक सुरक्षित नहीं है। लेकिन मजाल है इस मसले पर वो कुछ बोले। हमारे यहां कही जाने वाली कहावत अमेरिका पर बिल्कुल सटीक बैठती है "पर उपदेश कुशल बहुतेरे"।