नागार्जुन इस वक्त बहुत गुस्से में हैं, और उन्होंने तेलंगाना की कैबिनेट मंत्री कोंडा सुरेखा पर मानहानि का केस ठोक दिया है। कोंडा सुरेखा ने नागार्जुन बेटे नागा चैतन्य के सामंथा संग तलाक पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने तलाक के लिए BRS नेता केटी रामा राव को जिम्मेदार ठहराया था, और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पूरी साउथ फिल्म इंडस्ट्री और कई नेताओं ने कोंडा सुरेखा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।Nagarjuna ने Konda Surekha के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी, और अब मानहानि का केस कर दिया है। उन्होंने हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट में कोंडा सुरेखा के खिलाफ IPC के सेक्शन 356 के तहत मानहानि का केस दर्ज करवाया है। नागार्जुन ने कहा कि सुरेखा के बयान से उन्हें और पूरे अक्किनेनी परिवार को ठेस पहुंची है।
नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य ने केस की एक कॉपी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। इससे पहले नागार्जुन ने बुधवार, 2 अक्टूबर को कोंडा सुरेखा को सोशल मीडिया पर खूब खरी-खोटी सुनाई थी और कहा था कि वह तुरंत अपना बयान वापस लें। इसके बाद उन्होंने 'टाइम्स नाऊ' से कहा था कि वह कोंडा सुरेखा के खिलाफ कानूनी एक्शन लेंगे। वह इसे किसी भी सूरत में जाने नहीं देंगे।
कोंडा सुरेखा के इस बयान पर बवाल
मालूम हो कि कोंडा सुरेखा ने BRS नेता केटी रामा राव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह हीरोइनों के फोन टैप करवाते थे और उन्हें लगता है कि सामंथा-नागा चैतन्य का तलाक भी KTR की वजह से ही हुआ होगा। सामंथा और नागा चैतन्य ने साल 2017 में शादी की थी, और 2021 में तलाक ले लिया था।
कोंडा सुरेखा ने सामंथा से मांगी माफी
कोंडा सुरेखा को केटी रामा राव ने कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें कहा था कि वह 24 घंटे के अंदर माफी मांग लें, नहीं तो उनके खिलाफ मानहानि का केस किया जाएगा। सुरेखा ने माफी तो मांग ली और बयान भी वापस ले लिया, पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
एक्टर रवि तेजा भी कोंडा सुरेखा पर बरस पड़े। उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा, 'मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि एक महिला मंत्री राजनीतिक युद्ध के नाम पर सम्मानित लोगों के खिलाफ राक्षसी रणनीति अपनाकर घिनौने आरोप लगा रही है। ये हद से ज्यादा शर्मनाक है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'किसी को भी निर्दोष व्यक्ति, खासकर महिलाओं को, अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में नहीं घसीटना चाहिए। नेताओं को एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करना चाहिए और सामाजिक मूल्यों को बढ़ाना चाहिए, न कि उन्हें कम करना चाहिए।'