भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया के अपने समर्थकों के साथ थाने में धरने पर बैठने की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधिकारी थाने पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन विधायक पटैरिया आरोपित डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार 4 घंटे तक विधायक के धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस ने आरोपित डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज की।
यह है मामला
दरअसल, केसली थाना क्षेत्र के मेड़की गांव में सांप के डसने से एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मृतक के स्वजन मृतक को व डसने वाले सांप को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। जहां डाक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सांप के डसने से मौत लिखने के एवज में 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। इसके साक्ष्य होने के बाद भी केसली पुलिस थाने में डॉक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की गई।
विस अध्यक्ष के नाम लिखा इस्तीफा
यह जानकारी जब विधायक पटैरिया को लगी तो वे एफआइआर दर्ज करवाने के लिए केसली थाने पहुंचे। विधायक के पहुंचने के बाद भी जब डॉक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की गई तो विधायक नाराज हो गए। उनका कहना था कि जब डॉक्टर के खिलाफ सारे प्रमाण मौजूद हैं लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं की जाती तो ऐसी विधायकी किस काम की। उन्होंने अपना विधानसभा अध्यक्ष के नाम इस्तीफा लिख दिया। यह इस्तीफा इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो गया।
एफआईआर को लेकर अड़े
वहीं विधायक का कहना है कि जब सत्ता पक्ष का निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के बाद भी अगर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ प्रमाण होने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। जब तक डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती है, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी लग रही है कि शायद डॉक्टर की पत्नी भी पुलिस में है। इसलिए पुलिस मामला दर्ज करने से बच रही है। आखिरकार गुरुवार देर रात केसली थाने में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पहले भी विधायक रहे हैं पटैरिया
गौरतलब है कि बृजविहारी पटैरिया इससे पहले भी देवरी के विधायक रह चुके हैं। इससे पहले वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। पिछले विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही वे भाजपा में आए थे और जीत हासिल कर पुन: विधायक बने थे।