हाल ही में पीयूष मिश्रा ने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गुलाल' में कम पैसों में काम करने की बात शेयर की। एक इंटरव्यू में पीयूष ने बताया कि इस फिल्म के दौरान सभी ने अपनी फीस काफी कम कर दी थी। इसका मकसद अनुराग की मदद करना था। उस समय अनुराग की फिल्में 'पांच' और 'ब्लैक फ्राइडे' रुक गई थीं।
पीयूष ने बताया कि उन्होंने 'गुलाल' में एक्टिंग के साथ-साथ लिरिक्स और डायलॉग लिखने का भी काम किया था जिसके उन्हें दो लाख रुपए मिले थे।दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में पीयूष ने अनुराग कश्यप के बारे में कहा, 'जिस तरह का आदमी था वो, सबका लाडला था। अब कैसा है मुझे मालूम नहीं, लेकिन उस वक्त तो बहुत ही ईमानदार था।'
पिछले साल लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में पीयूष ने कहा कि उनके और अनुराग के विचार नहीं मिलते हैं। उन्होंने बताया, 'हम कुछ सालों बाद मिलते हैं, लेकिन 15 मिनट बाद बात करने के लिए कुछ नहीं बचता। हम कॉफी और सिगरेट पीते हैं और हमारी बातचीत खत्म हो जाती है। हमारे राजनीतिक और नैतिक विचार नहीं मिलते हैं। हालांकि, हमारे इमोशनल विचार एक जैसे हैं।
वो मेरे गले में फंसी हड्डी की तरह है। न निगल सकता हूं, न उगल सकता हूं। यही हमारा रिश्ता है। मैं उनके साथ ज्यादा देर नहीं बैठ सकता हूं। हमारे पास बात करने के लिए कुछ नहीं होता है। वो फिल्मों के दीवाने हैं और मैं फिल्में नहीं देखता हूं। मैं उनसे क्या बात करूं?'
पिछले साल लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में पीयूष ने कहा कि उनके और अनुराग के विचार नहीं मिलते हैं। उन्होंने बताया, 'हम कुछ सालों बाद मिलते हैं, लेकिन 15 मिनट बाद बात करने के लिए कुछ नहीं बचता। हम कॉफी और सिगरेट पीते हैं और हमारी बातचीत खत्म हो जाती है। हमारे राजनीतिक और नैतिक विचार नहीं मिलते हैं। हालांकि, हमारे इमोशनल विचार एक जैसे हैं।
वो मेरे गले में फंसी हड्डी की तरह है। न निगल सकता हूं, न उगल सकता हूं। यही हमारा रिश्ता है। मैं उनके साथ ज्यादा देर नहीं बैठ सकता हूं। हमारे पास बात करने के लिए कुछ नहीं होता है। वो फिल्मों के दीवाने हैं और मैं फिल्में नहीं देखता हूं। मैं उनसे क्या बात करूं?'