कोरोना महामारी को रोकने मध्यप्रदेश में हुआ बेहतर कार्य

Updated on 27-12-2021 05:32 PM

भोपाल।  इण्डियन इकॉनामिक एसोसिएशन के 104वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न सत्र में ख्यातिलब्ध अर्थशास्त्रियों ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिये। विशेष सत्र में यूसीएलए एण्डरसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट लॉस एंजेलस, अमेरिका के डॉ. अवनिधर सुब्रमण्यम ने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य किया गया है। इसी का परिणाम है कि अभी मध्यप्रदेश में जहाँ कोरोना के 20 से 30 केस रहे हैं वहीं अमेरिका में 25 हजार केस प्रतिदिन रहे हैं।

डॉ. सुब्रमण्यम ने आर्थिक विकास के अनुकूल होने के लिए निवेश की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। उन्होंने वित्तीय सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में मजबूत शेयर बाजारों में धैर्यपूर्वक निवेश करने की सलाह दी। डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय एफडीआई नीतियाँ अच्छी हैं, जो वास्तव में घरेलू विनिर्माण बाजार को प्रोत्साहित करती हैं।

2022 से 30 तक विकास दर 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार भारत सरकार प्रो. अरविंद विरमानी ने "इकॉनामिक रिफार्म्स एण्ड इन्क्लूजिव ग्रोथ इन इंडियन कांटेक्स्ट : पास्ट, प्रेजेंट एण्ड फ्यूचर" पर अपने व्याख्यान में भारत के आर्थिक विकास एवं नीतिगत सुधारों के 5 अलग-अलग चरणों की व्याख्या की। चरण-1 'नौकरशाही समाजवाद' या जिसे अक्सर 'नेहरूवादी समाजवाद' भी कहा जाता है, ने मिश्रित अर्थ-व्यवस्था को बढ़ावा दिया। इस दौरान प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद औसतन 1.3% प्रति वर्ष रही। 'सिलेक्टिव डी-कंट्रोल' का चरण-2 1980-1991 के वर्षों के दौरान था। उत्पादकता के प्रमुख चालक के रूप में पूंजीगत वस्तुओं के आयात के कारण इस युग में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद तीन गुना बढ़कर 3.9% हो गया। सन् 1991-2003 के वर्षों के दौरान चरण-3 'उदारीकरण I' में भारी पूंजी बाजार सुधार, बुनियादी ढाँचे में सरकारी एकाधिकार, नई दूरसंचार नीतियाँ, बिजली अधिनियम, निजी हवाईअड्डे और बंदरगाह शामिल हैं। वर्ष 2004-2014 के बीच चरण-4 में 'उदारीकरण II' के अंतिम चरण में, फिर से जीएसटी, मौद्रिक नीति समिति की स्थापना और अन्य घरेलू विनिर्माण संरक्षणवादी नीतियों जैसे विशाल और व्यापक वित्तीय सुधार देखे गए। प्रो. विरमानी ने कहा कि विभिन्न सुधारों के कारण वित्तीय वर्ष 2022 से 2030 में भारत की विकास दर 7 से 8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। अध्यक्षता सीसीएस यूनिवर्सिटी केरल के वाइस चांसलर प्रो. एन.के. तनेजा ने की।

डॉ. प्रियदर्शी दास, आरआईएस, नई दिल्ली ने "इंटरनेशनल ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट : इमर्जिंग डायनामिक" सत्र में कहा कि निर्यात और आयात के लिए चुनिंदा बाजारों पर निर्भरता कम करने की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विकासशील देशों की हिस्सेदारी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है और भारत को अपनी घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता होगी। आत्म-निर्भर भारत इस दिशा में सही कदम है।

उन्होंने भारत के आगे बढ़ने वाले विकल्पों की बात करते हुए, आत्म-निर्भर भारत और इसके पाँच स्तंभ (अर्थ-व्यवस्था, आधारभूत संरचना, सिस्टम, जनसांख्यिकी और मांग) जैसी पहलों का स्वागत किया जो स्थानीय से वैश्विक तक जाने में मदद करेंगे।

संजीव भसीन, निदेशक आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड ने शेयर बाजारों में इक्विटी में निवेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पृथ्वीराज श्रीनिवास, अर्थशास्त्री एक्सिस केपिटलने भुगतान संतुलन में पूँजी वित्त पोषण की बात की। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार वृद्धि लंबी अवधि के रुझान से ऊपर रही है। -कॉमर्स क्षेत्र में उछाल और प्रमुख चालक होने के कारण आयातित वस्तुओं (विशेषकर अमेरिका में) की घरेलू खपत में वृद्धि हुई है।

धर्मकीर्ति जोशी, मुख्य अर्थशास्त्री, क्रिसिल ने कहा कि विश्व जीडीपी विकास दर 5.7% रहने की उम्मीद है। महामारी के बाद टीकाकरण अभियान और रोजगार में धीमी वृद्धि के साथ विकासशील देश सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं। विश्व व्यापार संगठन ने पिछले 8% से वैश्विक निर्यात लगभग 10% होने का अनुमान लगाया है।

प्रो. वी.आर. पंचमुखी, संस्थापक डीजी, आरआईएस ने कहा कि भारत का प्राचीन आर्थिक ज्ञान का एक लंबा इतिहास रहा है। मैकाले जैसे ब्रिटिश शासकों ने शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, प्रबंधन, प्रशासन आदि के प्रति हमारे दृष्टिकोण को नष्ट कर दिया। उनका कहना है कि जब हम कल्याणकारी अर्थ-शास्त्र के बारे में बात करते हैं तो हम मार्क्स और स्मिथ के बारे में बात करते हैं, लेकिन हम कौटिल्य की शिक्षाओं के बारे में पर्याप्त बात नहीं करते हैं। उन्होंने कौटिल्य की शिक्षाओं की बात करते हुए कहा कि शिक्षा और ज्ञान का मूल उद्देश्य समाज के कल्याण के लिए सेवा करना है।

प्रो. सतीश वाई. देवधर, आईआईएमए ने "प्राचीन भारत से आर्थिक विचार" पर बात की। उन्होंने कहा कि हम औपनिवेशिक मानसिकता के कैदी रहे हैं और हमें वास्तव में प्रगति के लिए इससे बाहर निकलने की जरूरत है। पश्चिम ने हमेशा हमें नीचा दिखाने की कोशिश की है और इसे बदलने की जरूरत है। उन्होंने भारत के प्राचीन ग्रंथों श्रुति या पवित्र पाठ और स्मृति या संवैधानिक पाठ के बारे में बात की। ट्रायफेक के एम.डी. जान किंग्सली ने बताया कि मध्यप्रदेश में जल्द ही स्टेट ट्रेड प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जा रहा है। काउंसिल प्रदेश में व्यापार और उद्योग को बढ़ाने के लिए कार्य करेगी। सत्र की अध्यक्षता प्रो. चरण सिंह ने की।

- नीति निर्धारण में आंकड़ों की होती है अति विशिष्ट भूमिका

सम्मेलन के आज आखिरी सत्र "इनोवेशन्स एण्ड डाटा विथ फोकस ऑन सस्टेनेबल इकॉनामी" में प्रो. शमिका रवि कहा कि शासन द्वारा किसी भी प्रदेश और देश की नीति निर्धारण में आंकड़े हृदय की भूमिका निभाते हैं। आंकड़े भविष्य की धरोहर हैं। अच्छे आंकड़े उपलब्ध होने पर ही अच्छी योजनाएँ बनाकर सुदृढ़ विकास किया जा सकता है। हमको गुणवत्तापूर्ण डाटा संग्रहण के लिये अधोसंरचना की आवश्यकता है जो सरकारी मदद से ही हासिल हो सकती है। आईआईएम बैंगलुरू के प्रो. ऋषिकेश कृष्णन ने कहा कि नवाचार से ही आर्थिक सुधार संभव है। उन्होंने भारत में वर्ष 2011 से 2020 के बीच हुए 10 सर्वोच्च नवाचार गिनाये। नवाचारों में कोविड टीकाकरण आधार, यूनिफाइड पेमेन्ट इंटरफेयर, तेजस नेटवर्क गवर्नमेंट -मार्केट प्लेस (जेम), नीति आयोग का महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम, टेस्ट किट्स-माईलेब, सैरोगेलीटाइजर, मंगलयान और डीपटेक हेल्थ केयर स्टार्टअपस का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इस दशक में जितने क्रांतिकारी नवाचार हुए। उनकी तुलना में पिछला दशक चार पहिया, दो पहिया जैसे उद्योगों पर केन्द्रित रहा। प्रो. डी.के. नोरियाल ने "आरएण्डडी एट दी सेंटर ऑफ डेव्हलपमेंट: एमर्जिंग पॉवर सेन्टर" पर वैश्विक आंकड़ों के माध्यम से तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। आईआईटी दिल्ली के डॉ. अंकुश अग्रवाल ने "सेंसस इन पोस्ट लिबरलाइजेशन इंडिया" पर वर्ष 1951 से 2011 और पापुलेशन डायनामिक्टस 1961 से 2011 की प्रभावी प्रस्तुति की। प्रो. अमिताभ कुण्डु ने "सोशल डायमेन्शंस ऑफ डेव्हलपमेंट इन मध्यप्रदेश:चैलेंजेस एण्ड पॉसिबिलिटीज्" पर शोधपरक व्याख्यान प्रस्तुत किया।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 28 November 2024
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधोसंरचना विकास एवं प्रशासनिक सुधार के सभी कार्यों को तय समय-सीमा में पूरा किया जाए,…
 28 November 2024
ईएजी (यूरेशियन ग्रुप) देशों की बैठक मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकवाद की फंडिंग रोकने में मील का पत्थर सिद्ध होगी। सभी बड़े देशों को एकजुट होकर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग…
 28 November 2024
ऊर्जा मंत्री एवं शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बुधवार देर रात शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना अंतर्गत ग्राम इंदरगढ़ में हुई मारपीट की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में…
 28 November 2024
जल्द ही मप्र में जमीन के साथ निर्माण की अनुमति भी ट्रांसफर हो जाएगी। अब तक जमीन खरीदने के बाद उसके लेआउट की अनुमति अलग से लेनी होती थी। अब…
 28 November 2024
भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (IAP) के पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी चैप्टर का जम्मू में 22 से 24 नवंबर के बीच राष्ट्रीय सम्मेलन (PHOCON 2024) आयोजित किया गया। जिसमें भोपाल एम्स के…
 28 November 2024
मध्यप्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से 5 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। ये कॉलेज बुधनी, मंडला, श्योपुर, सिंगरौली, राजगढ़ में खुलेंगे। इन सभी में 150-150 सीटें होंगी। इस तरह…
 28 November 2024
मध्यप्रदेश में पिछले दो दिन में सर्दी से दो लोगों की जान चली गई है। गुरुवार सुबह डिंडौरी बस स्टैंड पर अधेड़ की ठंड से मौत हो गई। उसकी पहचान…
 28 November 2024
रेप केस के आरोपी भोपाल के डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते ने 30 नवंबर तक छुट्‌टी का आवेदन दिया है। इसके बाद वे ऑफिस आएंगे या नहीं? इसे लेकर संशय की…
 28 November 2024
भोपाल। फोन कॉल, मैसेज या इंटरनेट मीडिया के किसी भी प्लेटाफार्म के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले साइबर अपराधी किसी व्यक्ति तक अचानक नहीं पहुंच जाते हैं। उनके…
Advt.