नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत आर्टिकल 370 और 35ए के खत्म किए जाने के बाद पहली बार चार दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। मोहन भागवत 3 अक्टूबर तक केंद्र शासित प्रदेश में रहेंगे और इस दौरान वह प्रबुद्ध वर्ग के सदस्यों से बातचीत करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान भागवत स्थानीय बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात करेंगे। संघ के सरसंघचालक का कार्यक्रम बहुत व्यस्त रहने वाला है, क्योंकि उनकी यात्रा दो साल से अधिक समय के बाद हो रही है।
मोहन भागवत की यात्रा के मद्देनजर प्रांत संघ मुख्यालय केशव भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्वयं सेवकों को पहचान पत्र दिखाने के बाद और सुरक्षा जांच के सभी नियमों का पालन करने के बाद ही केशव भवन में जाने की अनुमति दी जा रही है। भागवत का जम्मू में बुद्धिजीवियों से मिलना ही एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम है। संघ के सूत्रों के अनुसार सरसंघचालक आमतौर पर दो साल में एक बार हर प्रांत का दौरा करते हैं, लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से यह क्रम टूट गया है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और
35ए के खत्म होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की उनकी ये पहली यात्रा है।
जानकारी के मुताबिक 2 अक्टूबर को मोहन भागवत प्रांत संघ चालक ब्रिगेडियर सुचेत सिंह और डॉ गौतम मेंगी के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद जनरल जोरावर सिंह सभागार में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रबुद्ध नागरिकों को संबोधित करेंगे। यात्रा के आखिरी दिन 625 शाखाओं
में एकत्रित करीब 50 हजार
स्वयं सेवकों को वर्चुअल संबोधित करेंगे।