भोपाल मेट्रो के दूसरे स्टील ब्रिज के लिए डीआरएम तिराहे पर गर्डर लॉन्च कर दी गई है। अब 200 टन वजनी और 48 मीटर चौड़े ब्रिज को असेंबल किया जा रहा है। मेट्रो के अफसरों का दावा है कि अक्टूबर में इस ब्रिज को भी पिलर पर रख देंगे। इसके बाद सड़क बनाई जाएगी। ताकि, पिछले 8 महीने से बंद ISBT-होशंगाबाद रोड को खोल दिया जाए। अभी हर रोज लाखों लोग परेशान हो रहे हैं।
बता दें कि RKMP (रानी कमलापति) रेलवे स्टेशन के पास हबीबगंज नाके से डीआरएम स्टेशन के बीच 2 स्टील ब्रिज से मेट्रो गुजरेगी। इसके लिए पिछले 8 महीने से काम चल रहा है। 4 सितंबर को 3 घंटे के अंदर रेलवे ट्रैक पर पिलर के ऊपर 65 मीटर लंबा और 400 टन वजनी ब्रिज का स्ट्रक्चर रख दिया गया। वहीं, दूसरे ब्रिज के लिए दो दिन पहले गर्डर की लॉन्चिंग हो गई है। ब्रिज का यह महत्वपूर्ण काम है।
पहले दूसरा ब्रिज रखेंगे, बाकी के काम भी होंगे
मेट्रो अफसरों के अनुसार, भोपाल मेट्रो के लिए दो स्टील ब्रिज बनेंगे। पहला रेलवे ओवरब्रिज और दूसरा कंपोजिट ब्रिज है। यह भी राजस्थान के अलवर से लाया गया। पहला ब्रिज रखने के बाद अब दूसरे ब्रिज को असेंबल किया जा रहा है। इसके बाद बाकी के काम होंगे और फिर आम लोगों के लिए रास्ता खोल दिया जाएगा।
अब यह काम
डीआरएम तिराहे पर कंपोसिट ब्रिज को बड़ी क्रेन की मदद से रखेंगे। अभी यह ब्रिज असेंबल किया जा रहा है। इसकी लंबाई 48 मीटर है, जबकि वजन 200 टन है। ऐसे में एक साथ 4 मशीनों की मदद ली जाएगी।
इसके बाद ब्रिज के ऊपर ट्रैक बिछाया जाएगा।
मेट्रो से जुड़े सारे काम होने के बाद नीचे सड़क और रोटरी बनाएंगे। ताकि, सड़क से ट्रैफिक शुरू किया जा सके।
सभी काम में लगेगा एक से डेढ़ महीना
मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों की माने तो दूसरे ब्रिज को रखने, ट्रैक बिछाने, सड़क बनाने समेत अन्य कार्यों में करीब डेढ़ महीने का समय लग जाएगा। अक्टूबर के आखिरी या नवंबर के शुरुआती दिनों में सड़क से ट्रैफिक शुरू हो सकता है।
मार्च में काम की शुरुआत हुई इसी साल जनवरी-फरवरी में ब्रिज के पार्ट्स अलवर से भोपाल आ गए थे। जिन्हें मार्च में असेंबल करना शुरू किया गया। मार्च में काम की शुरुआत की गई। करीब छह महीने से रास्ता भी डायवर्ट किया गया है। दूसरी ओर, डीआरएम ऑफिस तिराहे की सड़क के ऊपर ब्रिज के पॉर्ट्स असेंबल किए गए। पहला ब्रिज रख दिया गया, जबकि दूसरा जल्द रखा जाएगा।