50 लाख का मुआवजा दिलाने का अनुरोधयाचिकाकर्ता के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने दिल्ली सरकार को प्रतिवेदन देकर 50 लाख का मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया। जवाब में BSES ने अपनी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही मानने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दावा किया कि उसकी ओर से याचिकाकर्ता को फैमिली पेंशनरी बेनिफिट के तौर पर 27,96,496 पहले ही दे दिए गए हैं और हर महीने 17,150 की पेंशन दी जा रही है, जो 22 मई, 2027 तक जारी रहेगी। उसके बाद, यह 10,290 रुपये महीना हो जाएगी। इन सारे तथ्यों पर गौर करते हुए कोर्ट ने कहा कि BSES की ओर से लापरवाही दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर साक्ष्यों के अभाव में यह अदालत पक्के तौर पर इसका फैसला नहीं कर सकती। हालांकि, सक्षम सिविल कोर्ट के सामने साक्ष्य पेश कर पक्षकार इसे स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने संबंधित कार्यवाही के लिए कुछ समयसीमा भी तय की है।