इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब के दौरे पर गए हैं। शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की है। उनकी मुलाकात के बाद दो अहम बातें निकलकर आई हैं। एक सऊदी अरब ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद के बजाय निवेश का वादा दिया है। दूसरी सऊदी ने कश्मीर पर यूएन में पाकिस्तान की तरफदारी करने की बात को नकार दिया। सऊदी ने पाक पीएम को साफ कहा कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच का है और दोनों देशों को बातचीत से इसे सुलझाना चाहिए। सऊदी के बयान को पाकिस्तान के लिए झटके की तरह देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर पाकिस्तान की यूट्यूबर सना अमजद ने आम पाकिस्तानियों से बात की है। पाकिस्तान के लोगों ने इस पर राय रखते हुए अपने नेताओं को जमकर सुनाई है।
सना से बात करते हुए मेडिकल फील्ड में जॉब करने वाले मोहम्मद अब्बास ने कहा, 'सऊदी अरब पाकिस्तान का साथ लगातार देता रहा है। हमारे देश में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद बुरे वक्त में सऊदी साथ रहा है। पाकिस्तान में जिस तरह के आर्थिक हालात हैं। अगर सऊदी, यूएई, चीन ना होते तो शायद देश दिवालिया हो चुका होता। सऊदी इस्लामी देश होने की वजह से या पुराने रिश्तों पर पाकिस्तान का साथ देता रहा है लेकिन दो देशों के मुद्दे धर्म पर तय नहीं होते। दो मुल्क जब बठते हैं तो एक-दूसरे के फायदे को देखते हुए मामले तय होते हैं। सऊदी को भारत में बड़ा बाजार दिख रहा है तो वो उस तरफ देखेंगें।' अब्बास ने कहा कि कश्मीर का जहां तक सवाल है तोये मामला यूएन, पाकिस्तानी, भारतीय या किसी के भी हाथ में नहीं होना चाहिए। कश्मीरी क्या चाहते हैं, इस बात को अहमियत दी जानी चाहिए।
'इस्लामी मुल्क भारत को हमेशा से पसंद करते रहे हैं'
टेक्सटाइल का काम करने वाले आफताब ने कहा कि ये मदद मांगने का काम अब पाकिस्तान को छोड़ देना चाहिए। इसने दुनिया में हमारी कोई अहमियत नहीं छोड़ी है। दूसरे अगर कोई कंपनी या देश निवेश करता है तो उसे जमीन पर नहीं जाने दिया जाता, कुछ अफसर, नेता उड़ा जाते हैं। फिर बताइए कैसे कोई आपके यहां पैसा लगाने के लिए तैयार होगा। कश्मीर पर सऊदी के रुख को लेकर आफताब ने कहा, 'इस्लामी मुल्क कभी भी भारत के खिलाफ नहीं रहे हैं। नेहरू के जमाने से भारत की जो विदेश नीति रही है, उसकी वजह से अरब देशों में काफी इज्जत भारत को मिलती रही है। ईरान, ईराक, फिलीस्तीन में भारतीयों को लोग हमेशा से भाई की तरह देखते रहे हैं। सऊदी भी अगर कुछ ज्यादा भारत की ओर दिख रहा है तो इसकी वजह भारत की अपनी नीतियां हैं और पाकिस्तान मुंह की खा रहा है तो इसके पीछे भी उसकी अपनी नाकामी है।
सना अमजद से जर्नलिस्ट अदनान ने कहा, 'कश्मीर पर सऊदी अरब के बयान के पीछे की वजह को भी समझना होगा। सऊदी में एमबीएस के हाथ में चीजें आने के बाद से उसने बहुत अलग तरह से चीजों को देखा है। वह पूरी तरह बिजनेस माइंज से चल रहा है। भारत से उसको बड़ा फायदा हो सकता है तो वह ऐसा कुछ क्यों कहे, जिससे भारत नाराज हो। वहीं जहां तक पाकिस्तान को आर्थिक मदद की बात है तो इसमें सब छिछक रहे हैं। इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान में जिस तरह की सरकार बनी है, वो कब पलट जाए, इसका पता नहीं। ऐसे में कैसे कोई आकर अपना पैसा पाकिस्तान में लगा दे। हम सिर्फ इस्लाम के नाम पर तो सऊदी या यूएई को बेवकूफ बनाकर पैसा नहीं ले सकते हैं।'