केप टाउन में दूसरे टेस्ट से पहले मंगलवार को भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें रोहित ने कहा, सभी प्लेयर्स इस समय फिट है, हमने प्लेइंग इलेवन फिलहाल पक्की नहीं की है।
रवींद्र जडेजा पीठ में ऐंठन की वजह से पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे। उनके दूसरे टेस्ट खेलने पर संशय बना हुआ था। इस बीच अब रोहित ने तस्वीर साफ कर दी है।
प्रसिद्ध कृष्णा पर भरोसा दिखाना होगा - रोहित
तेज गेंदबाजों के फेवर में विकेट होने के बावजूद भारतीय पेसर्स के खराब प्रदर्शन पर रोहित बोले, यह किसी भी टीम के साथ हो सकता है। जैसा कि मैंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि प्रसिद्ध अपना पहला गेम खेल रहे हैं, जब आप अपना पहला गेम खेल रहे होते हैं तो हम सभी घबरा जाते हैं। हमे विश्वास दिखाना होगा।
नए खिलाड़ियों में ऊर्जा है - रोहित
अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के टीम में नहीं है। वहीं, साउथ अफ्रीका में शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर जैसे कम अनुभवी खिलाड़ी खेल रहे है।
इसपर सवाल पूछे जाने पर रोहित ने कहा, जो सामने है हमे उसे स्वीकार करना होगा, चाहे वह दो टेस्ट मैच हों या पांच टेस्ट मैच। हमे खेलना है और अच्छा खेलना है। गिल, श्रेयस और जायसवाल के बारे में आपने सही कहा कि उन्होंने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली है, लेकिन वे कई सालों से टीम के साथ हैं। अगर आप ऐसी टीम के खिलाफ इन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो आप अपने गेम को दूसरे स्तर पर ले जा सकते हैं।
आपको सकारात्मक होना होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने गेम खेले हैं, चाहे आपने एक गेम खेला हो या सौ गेम। जब आप ऐसी परिस्थितियों में, ऐसी टीम के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, तो इससे आपको आगे बढ़ने के लिए काफी आत्मविश्वास मिलता है।
तेज गेंदबाजी में बदलाव के बारे में नहीं सोचा - रोहित
तेज गेंदबाजी में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर रोहित बोले, मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा है, हालांकि हमने मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ के साथ बातचीत की है। हमने प्लेइंग इलेवन पूरी तरह से तय नहीं की है। जाहिर है, हर कोई सिलेक्शन के लिए उपलब्ध है। चोट की कोई चिंता नहीं है। हम शाम को बैठेंगे और तय करेंगे कि क्या सही है।
सीरीज जीतेंगे नहीं, लेकिन जीतने भी नहीं देंगे - रोहित
सीरीज गंवाने के बावजूद युवा प्लेयर्स में जीत की भूख बनी हुई है। अगर इस उम्र में आप जीत के लिए भूखे नहीं हैं, तो खेलने का कोई मतलब नहीं है। सीरीज जीतना या सीरीज ड्रा कराना, यही लक्ष्य रहता है। विदेश में यदि आप ,सीरीज नहीं जीत सकते हैं, तो अपोनेंट को इसे जीतने से रोकना जरूरी है। हम भारत के बाहर खेल जीतने में बहुत गर्व महसूस करते हैं। ड्रेसिंग रूम में हर समय इसी बारे में बातचीत होती है कि हम क्या कर सकते हैं।