नई दिल्ली । ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा अब उसने पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बाद अरुणाचल प्रदेश में सीमा लाघ कर नियम का उल्लंघन किया जिसके चलते टकराव की स्थिति बन गई है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ कर भारतीय सीमा पर बने खाली बंकरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। ऐसी खबर है कि चीन के लगभग 200 सैनिक भारतीय सीमा के अंदर घुसे थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने खदेड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक ये घटना पिछले हफ्ते वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बुम ला और यांग्त्से के सीमा दर्रे के बीच हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के सैनिकों ने बॉर्डर पर घुसने की कोशिश की, जिसका भारतीय सैनिकों ने कड़ा विरोध किया और कुछ चीनी सैनिकों को अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद मामला सुलझ गया।
माना जा रहा है कि पीएलए की सेना ने जब सीमा लांघी तो भारतीय सेना ने चीन के करीब 200 सैनिकों
को एलएसी के पास रोके रखा और खदेड़ दिया। सेना के सूत्रों की मानें तो बीते सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीन के सैनिक पेट्रोलिंग के दौरान आमने-सामने आ गए थे और एक-दूसरे से भिड़ गए थे। यह घटना पिछले सप्ताह की है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि कुछ घंटे तक फिजिकल इंगेजमेंट के बाद तय प्रोटोकॉल के हिसाब से बातचीत के बाद मामले को सुलझा लिया गया। भारत की तरफ किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह घटना पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बुम ला और यांग्त्से के सीमा दर्रे के बीच हुई थी।
तवांग सेक्टर में भारत और चीन की झड़प की सूचना पर भारतीय पक्ष के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि भारत-चीन सीमा का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं किया गया है और इसलिए देशों के बीच एलएसी की धारणा में अंतर है। दोनों देशों के बीच मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के पालन से अलग-अलग धारणाओं के इन क्षेत्रों में शांति और शांति संभव हुई है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन ने घुसपैठ की कोशिश भारतीय बंकरों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से की थी।
सूत्र ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी धारणा के अनुसार गश्ती गतिविधियां करते हैं। जब भी दोनों पक्षों के गश्ती आमने-सामने आ जाते हैं, तो दोनों
पक्षों द्वारा सहमत स्थापित प्रोटोकॉल और तंत्र के अनुसार टकराव को दूर किया जाता है। हालांकि, यह समाधान निकलने में कुछ घंटे लग जाते हैं। हालांकि, बचाव पक्ष
को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला लंबे समय से अनसुलझा है। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई स्तर की वार्ता भी हो चुकी है।