जम्मू-कश्मीर में नई सरकार का गठन जल्द होने वाला है। INDIA गठबंधन का 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को LG मनोज सिन्हा से मुलाकात करेगा और सरकार गठन का दावा पेश करेगा। शपथ ग्रहण समारोह 13 या 14 अक्टूबर को होने की उम्मीद है।
उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि राज्य सरकार में कोई डिप्टी CM नहीं होगा। नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी कांग्रेस को डिप्टी स्पीकर का पद मिल सकता है।
कांग्रेस की ओर से डूरू सीट से विधायक जीए मीर या प्रदेश अध्यक्ष और सेंट्रल शाल्टेंग के विधायक तारिक हामिद कर्रा में किसी एक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है।
सरकार गठन के लिए श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस मुख्यालय पर आज विधायकों की बैठक हो रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की। गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे ज्यादा 42, कांग्रेस को 6 और CPI(M) को एक सीट मिली। बहुमत का आंकड़ा 46 है।
भाजपा ने 29 सीटें जीतीं, PDP को सिर्फ 3 सीटें मिलीं
8 अक्टूबर को आए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव रिजल्ट में भाजपा ने 29 सीटें जीती। पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले 4 सीटों का फायदा हुआ है। हालांकि जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना नौशेरा सीट से NC कैंडिडेट से करीब 8 हजार वोटों से हार गए। उन्होंने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेजा है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने 3 सीटें जीती हैं। पिछले चुनाव में पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। पहली बार चुनाव लड़ रहीं महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा बिजबेहरा सीट से करीब 9 हजार से ज्यादा वोटों से हार गईं।
जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी ने पहली बार जीत दर्ज की है। डोडा सीट से मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को 4500 से ज्यादा वोटों से हराया। वहीं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को एक सीट पर जीत मिली। 7 पर निर्दलीय जीते। संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु के भाई ऐजाज गुरु को सोपोर सीट पर 129 वोट मिले।
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस: BJP के खिलाफ गुस्से को वोट में बदला
नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें पर जीत मिली है। इनमें से 35 से ज्यादा सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बार 56 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट उमर अब्दुल्ला दो सीटों गांदरबल और बडगाम से लड़े और दोनों सीटों से जीते। सीट शेयरिंग के मुताबिक, 32 सीटें कांग्रेस को मिली थीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सबसे बड़ी पार्टी बनने पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट अजहर हुसैन कहते हैं, ‘पार्टी लीडरशिप ने आर्टिकल-370 खत्म किए जाने के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई। लोगों के अंदर उस जज्बे को बनाए रखा। इससे BJP के खिलाफ लोगों में जो गुस्सा था, वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए वोट में बदल गया।’
BJP: जम्मू में दबदबा बरकरार, करीब 70% सीटें जीतीं
BJP को 2014 के चुनाव से इस बार जम्मू में चार सीटें ज्यादा मिली हैं। 2014 में पार्टी ने यहां 25 सीटें जीती थीं। BJP का स्ट्रॉन्ग होल्ड जम्मू में है। यहां उसे नुकसान होने का अंदेशा था, लेकिन वो अपने वोट बचा पाने में कामयाब रही। हालांकि, उसके प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना चुनाव हार गए। हार के बाद उन्होंने पार्टी हाईकमान को इस्तीफा भेज दिया।
सीट के लिहाज से पार्टी भले दूसरे नंबर पर है, लेकिन उसे सबसे ज्यादा 25.64% वोट मिले हैं। ये नेशनल कॉन्फ्रेंस से करीब 2% ज्यादा हैं।
हालांकि, कश्मीर में इस बार भी BJP खाली हाथ रही। कश्मीर में उसने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इसमें गुरेज सीट पर पार्टी जीत की दावेदार थी। पार्टी कैंडिडेट फकीर मोहम्मद खान यहां सिर्फ 1132 वोट से हार गए। ये पहली बार है, जब कोई BJP कैंडिडेट दूसरे नंबर पर है।
PDP: बड़े-बड़े नेता हारे, BJP से दोस्ती का अब तक नुकसान
पूर्व CM महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP इस बार सबसे ज्यादा नुकसान में है। 2014 के मुकाबले उसे 25 सीटों का नुकसान हुआ है। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती बिजबेहरा सीट से चुनाव हार गईं। लोकसभा चुनाव में महबूबा की हार के बाद ये मुफ्ती परिवार के लिए दूसरा बड़ा झटका है। एक्सपर्ट PDP की हार की वजह BJP के साथ पुराने गठबंधन को मानते हैं।